Jamshedpur (Nagendra । पर्यावरण का दोहन हो रहा है. जीयो और जीने दो के माइंड सेट की वजह से कुछ लोगों को आर्थिक रूप से भले ही फायदा हुआ, लेकिन उन्होंने पूरे समाज और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया। नदियां प्रदूषित हो गयी। समुद्र में गंदा पानी छोड़ा जा रहा है, जिसका असर जलीय जीव पर पड़ रहा है। पर्यावरण संतुलन बिगड़ने का असर तापमान पर पड़ रहा है, तापमान लगातार बढ़ रहा है। इस दिशा में हर व्यक्ति को गंभीरता से ना सिर्फ विचार करने बल्कि उस पर पहल करने की आवश्यकता है।
पर्यावरण संरक्षण की सबसे बड़ी जिम्मेदारी हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की है। मेडिकल वेस्ट चीजें काफी नुकसानदायक होती है। यह बातें झारखंड हाइकोर्ट के जज नवनीत कुमार ने कही। वे बारीडीह स्थित मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज में आयोजित ग्रीन इनिशिएटिव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। नवनीत कुमार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की सराहना की। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कॉलेज प्रबंधन द्वारा 14 करोड़ की राशि स्कॉलरशिप के रूप में दी जा रही है, वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को पढ़ाने के लिए संस्थान प्रबंधन की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा कि एआइसीटीइ की ओर से मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज को ग्रीन कैंपस सर्टिफिकेशन मिला, वह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में राज्य के लिए अहम है। कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने अन्य कॉलेज कैंपस में भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर पहल करने की बात कही। बर्थ डे, एनिवर्सरी हो या फिर कोई भी उत्सव एक पौधा जरूर लगाने का आह्वान किया और प्लास्टिक कम से कम उपयोग करने की नसीहत दी। उन्होंने युवाओं से जंक फूड से दूर रहने का आह्वान किया। इससे पूर्व मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज बौकन की शुरुआत करने के साथ ही कॉलेज मैग्जीन का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के प्रधान जिला जज अनिल कुमार मिश्रा, मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज के ग्रुप प्रेसिडेंट सोमनाथ दास समेत डायरेक्टर, डीन समेत काफी संख्या में अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक स्मिता पंकज ने कहा कि वे मूल रूप से केरल की हैं, लेकिन लंबे अरसे से झारखंड में कार्य करने की वजह से अब झारखंड की हो गयी हैं। उन्होंने झारखंड को पर्यावरण के मामले में काफी उन्नत बताया। हालांकि, कहा कि तेजी से मानव पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि पौधे के साथ कनेक्शन बनाएं, अगर पौधों के साथ कनेक्शन रहेगा तो ऐसा लगेगा कि पौधे आपके परिवार के सदस्य हैं।
No comments:
Post a Comment