Upgrade Jharkhand News. सरायकेला-खरसावां जिले के स्कूली छात्र-छात्राओं में नवाचारी वैज्ञानिक सोच, सृजनात्मकता, मौलिकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए डायट, गम्हरिया परिसर में जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में जिले के सभी नौ प्रखंड के छात्र-छात्राओं ने कम खर्च पर उपयोगी वस्तुओं का मॉडल तैयार कर प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया, जिसकी सराहना संस्थान के प्राचार्य सह जिला शिक्षा अधीक्षक कैलाश मिश्रा, मुख्य अतिथि NIT जमशेदपुर के मेटालर्जी विभाग के पूर्व विभाग अध्यक्ष रंजीत कुमार प्रसाद, निर्णायक के रूप में NIT जमशेदपुर के मेटालर्जी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर आलोक प्रियदर्शी, गायत्री शिक्षा निकेतन के विरेंद्र कुमार और श्रीनाथ B.Ed कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर श्रीमती लीना महंता की।
कार्यक्रम का प्रारंभ संस्थान के प्राचार्य कैलाश मिश्रा मुख्य अतिथि एवं निर्णयकों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं दीप मंत्र से किया गया। संस्थान के संकाय सदस्य पंकज कुमार के संचालन में स्वागत गीत की मधुर प्रस्तुति कुचाई की छात्राओं ने दी। स्वागत भाषण संस्थान के प्राचार्य द्वारा दिया गया। अतिथियों का स्वागत शाल ओढ़ाते हुए पौध देकर किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि रंजीत कुमार प्रसाद ने छात्रों में सृजनात्मक वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों से आग्रह किया तथा छात्र-छात्राओं में सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए वैज्ञानिक सोच को विकसित करते हुए राष्ट्र के एक नागरिक की भूमिका का निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया। विज्ञान प्रदर्शनी में प्रथम स्थान उत्क्रमित +2 उच्च विद्यालय कल्याणपुर के छात्र- छात्राओं ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। जिन्हें संस्थान के प्राचार्य द्वारा सम्मानित किया गया।
द्वितीय स्थान एस एस +2 उच्च विद्यालय चांडिल के छात्र - छात्राओं ने प्राप्त किया एवं तृतीय स्थान CM SOE एन आर विद्यालय के छात्र -छात्राओं ने प्राप्त किया। सभी विजेताओं को संस्थान के प्राचार्य द्वारा सम्मानित किया गया। सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया गया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु संकाय सदस्य पंकज कुमार, आर लक्ष्मण राव, किशोर प्रसाद, सोमनाथ मंडल, डॉ मनीला कुमारी, श्रीमती अनुभा सिंह, प्रधान लिपिक प्रभात कुमार मांझी, कर्मचारी दशरथ महतो, राजकिशोर महतो, राजकिशोर कर्मकार, श्री मंतोष की अहम भागीदारी रही।
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