इस मौक़े पर रघुवर दास ने कहा कि मकर संक्रांति हमारी संस्कृति का प्रतिक है ,उसी के तहत खुशी के रूप मे पतंग उड़ाने की भी परम्परा रही है, जिसको देखते हुए आज पतंग उत्सव का आयोजन मंदिर कमेटी द्वारा किया है। उन्होंने कहा कि अपनी परम्परा को बचाने के लिए इस तरह का आयोजन करना अनिवार्य है, ताकि हम अपनी संस्कृति को बचा सके और हमारी परम्परा चलती रहे।
रघुवर दास ने कहा अपनी संस्कृति को बचाये रखने के लिए इस पतंग महोत्सव का आयोजन करवाया गया है, ताकि युवाओ को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक किया जा सके। उन्होंने इस पतंग महोत्सव का आयोजन करने के लिए मंदिर कमेटी को धन्यवाद दिया, इसके अलावा मंदिर कमेटी द्वारा खिचड़ी भोग का भी आयोजन किया गया था, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लेकर खिचड़ी भोग का आनंद उठाया।
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