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Jamshedpur. शंखनाद फॉर सुरक्षित भारत कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने लोगों में भरा जोश व राष्ट्र हित में कानून संशोधन पर दिया बल , In the Shankhnaad for Surakshit Bharat program, senior Supreme Court advocate Ashwani Upadhyay inspired people and emphasized on law amendment in the national interest


Jamshedpur (Nagendra) । फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल सोसाइटी (एफटीएस), जमशेदपुर चैप्टर की वार्षिक बैठक पीएममॉल स्थित होटल रेडिसन में भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस अवसर पर चैप्टर के अध्यक्ष राजेश मित्तल ने अध्यक्षीय भाषण दिया, जबकि सचिव अभिषेक गर्ग ने चैप्टर की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। कोषाध्यक्ष संजय गोयल ने वर्ष का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान महिला समिति की अध्यक्ष श्रीमती नीलम केडिया ने अपना पदभार श्रीमती किरण देबुका को सौंपा, जो अब 2025-26 के कार्यकाल के लिए नई अध्यक्ष होंगी। महिला समिति की सचिव श्रीमती ममता बाकरेवाल ने समिति की वार्षिक गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। युवा समिति की ओर से अध्यक्ष श्रीमती रश्मि गर्ग और सचिव  पीयूष चौधरी ने समिति के कार्यों पर प्रकाश डाला। साथ ही, श्रीमती कोमल मित्तल द्वारा एक विशेष प्रस्तुति दी गई, जिसमें उन्होंने विगत वर्ष की गतिविधियों की जानकारी दी।


इसके अतिरिक्त महेश अग्रवाल द्वारा अंचल रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसके बाद “संखनाद फॉर सुरक्षित भारत” विषय पर एक विशेष प्रस्तुति हुई, जो जनजातीय क्षेत्रों में सुरक्षा और सशक्तिकरण को समर्पित थी। कार्यक्रम की एक महत्वपूर्ण कड़ी ‘एकल आंदोलन’ पर आधारित सत्र था, जिसमें एफटीएस के मूल कार्य—दूरस्थ गांवों में एक शिक्षक स्कूल संचालित करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों—की जानकारी दी गई। यह प्रस्तुति श्री मनमोहन खंडेलवाल और सुनील बागड़ोदिया द्वारा दी गई। इस अवसर पर प्रतिष्ठित दाताओं को सम्मानित किया गया और नए सदस्यों का औपचारिक स्वागत भी किया गया। 


कार्यक्रम का समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने एक प्रेरणादायक उद्बोधन के माध्यम से उपस्थितजनों को संबोधित किया। उन्हें 'पिल मैन ऑफ इंडिया' तथा एक सामाजिक सुधारक के रूप में जाना जाता है। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि यदि भारत को वास्तव में एक सुरक्षित और सशक्त राष्ट्र बनाना है, तो इसके लिए सर्वप्रथम देश में मौजूद औपनिवेशिक काल के अप्रासंगिक कानूनों में संशोधन करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बल दिया कि आज भारत को ‘लव जिहाद, लैंड जिहाद, और धर्मांतरण जिहाद’ जैसी समस्याओं से बचाने के लिए सख्त एवं तर्कसंगत कानूनों की आवश्यकता है। उन्होंने सिंगापुर और जापान जैसे देशों की नीतियों का हवाला देते हुए कहा कि भारत में भी कानून व्यवस्था को उन देशों की तरह वैज्ञानिक और व्यावहारिक बनाने की जरूरत है। श्री उपाध्याय ने कहा, "कानून में बदलाव केवल दो ही स्थानों से आ सकता है — संसद और सुप्रीम कोर्ट। सुप्रीम कोर्ट में तो हम पहले से ही इस दिशा में संघर्ष कर रहे हैं, अब ज़रूरत है कि संसद में भी यह आवाज़ उठे ताकि सही मायनों में बदलाव संभव हो सके।"



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