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Jamshedpur. राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला में प्लेटिनम जयंती समारोह मनाया गया, Platinum Jubilee Celebrations held at National Metallurgical Laboratory


Jamshedpur (Nagendra) । सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, जमशेदपुर के प्लेटिनम जयंती समारोह के एक भाग के रूप में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स), धनबाद के निदेशक प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा ने मुख्य अतिथि के रूप में तथा एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र के प्रबंध निदेशक आनंद दयाल ने सम्मानीय अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाई। सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी और आरपीबीडी प्रभाग के प्रमुख एवं मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एस.के. पाल मंच पर उपस्थित थे। प्रो. सुकुमार मिश्रा ने एनएमएल सभागार में उपस्थित श्रोताओं को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर व्याख्यान दिया और प्रयोगशाला की वार्षिक रिपोर्ट जारी की।



सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने श्रोताओं का स्वागत करते हुए पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान सीएसआईआर-एनएमएल द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा घोषित इस वर्ष का विषय “यंत्र – नई प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और त्वरण को आगे बढ़ाने हेतु युगांतर” इससे अधिक समसामयिक या दूरदर्शी नहीं हो सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि यह थीम सिर्फ़ एक मुहावरा नहीं है – यह एक राष्ट्रीय मिशन वक्तव्य है। यह भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के परिदृश्य में हम जो बदलाव देख रहे हैं, उसे दर्शाता है। यह प्रौद्योगिकी दिवस 2025 हमें एक मजबूत, टिकाऊ और आत्मनिर्भर भारत हेतु प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने, गति देने और लागू करने की दिशा में हमारी जिम्मेदारी को याद दिलाएगी। मुख्य अतिथि ने प्रौद्योगिकी के माध्यम से सर्कुलर अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में एनएमएल की भूमिका की सराहना की। 



आईआईटी (आईएसएम) के निदेशक प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया और चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) के प्रौद्योगिकी विकास और अनुवाद संबंधी पहल की सराहना की। उन्होंने मौलिक ज्ञान को वैज्ञानिक समझ और अंततः व्यवहार्य प्रौद्योगिकियों में बदलने के वास्तविक जीवन अनुप्रयोग पर जोर दिया। प्रोफेसर मिश्रा ने उपस्थित लोगों से नवीनता पर ध्यान केन्द्रित करने, गणना के आधार पर जोखिम उठाने तथा उच्च प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर (टीआरएल) प्राप्त करने की दिशा में निरंतर कदम उठाने का आग्रह किया।।समारोह का समापन आरपीबीडी प्रभाग के प्रमुख डॉ. एस के पाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ सम्पन्न हुआ। डॉ. पाल ने हमारी प्रौद्योगिकियों के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए सभी लाइसेंसधारियों को धन्यवाद दिया। सीएसआईआर-एनएमएल विकसित भारत की दिशा में ऐसी कई स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने हेतु तत्पर है।



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