Guwa (Sandeep Gupta) झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार 26 सितंबर 2025 को रामाशंकर पांडेय उर्फ राम पांडेय के खिलाफ जारी निष्कासन (Exterment) आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। न्यायमूर्ति अंबुज नाथ की अदालत में हुई सुनवाई में कहा गया कि यह आदेश कई पुराने आपराधिक मामलों के आधार पर पारित किया गया था, जबकि वे मामले 1996 से 2005 के बीच के हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि पांडेय के खिलाफ जिन मामलों का हवाला दिया गया है, वे बेहद पुराने हैं। ऐसे में इस निष्कासन आदेश पर तुरंत अमल करना उचित नहीं होगा। अदालत ने मामले को पूजा अवकाश के बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट ने साफ कहा कि 17 जून 2025 को C.C.A केस नंबर 05/2024-25 में पारित निष्कासन आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक (Stay) बनी रहेगी। इसका सीधा मतलब है कि पांडेय पर फिलहाल निष्कासन आदेश लागू नहीं होगा। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता गौतम कुमार ने दलील दी कि निष्कासन आदेश पुराने मामलों के आधार पर मनमाने तरीके से पारित किया गया है। राज्य की ओर से अधिवक्ता दीपक कुमार (ए.सी. टू ए.जी.) ने पक्ष रखा। मामले की अगली सुनवाई अब पूजा अवकाश के बाद होगी। तब तक पांडेय के खिलाफ जारी आदेश प्रभावी नहीं रहेगा।


No comments:
Post a Comment