Upgrade Jharkhand News. आदिवासी कुड़मी समाज के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रेल टेका आंदोलन के तहत शनिवार को सरायकेला खरसावां जिला अंतर्गत नीमडीह थाना क्षेत्र के हेंसालोंग स्टेशन में बरकाकाना - टाटा यात्री ट्रेन को सुबह लगभग साढ़े सात बजे आंदोलनकारियों ने रोक दिया। रेल टेका आंदोलन का नेतृत्व आजसू के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो, झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष तरुण महतो, विस्थापित नेता राकेश रंजन महतो, केंद्रीय सचिव गोपेश महतो, अनूप कुमार महतो, झारखंड आंदोलनकारी सुनील कुमार महतो एवं पंचायत समिति सदस्य पद्मलोचन महतो ने किया। जे एल के एम नेत्री भानुमति महतो ने महिला आंदोलनकारियों का नेतृत्व किया।
रेल ट्रैक पर सुबह से हजारों महिला पुरुष बैठे। रेल लाइन के बीच कुड़मी समाज के लोग पारम्परिक वाद्ययंत्र ढोल, धमसा, नगाड़ा आदि बाजा एवं लोकगीत के धुन में नृत्य करते हुए देखा गया। आंदोलनकारियों ने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन में महिलाओं की काफी भीड़ है। हरेलाल महतो ने कहा कि अपनी मांग को रखने के लिए आंदोलन करना हमारा स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति है। कुड़मी जाति झारखंड का प्राचीन आदिवासी समुदाय है। हम कुड़मी पहले आदिवासी थे। 1950 में तत्कालीन भारत सरकार ने कुड़मी जाति को आदिवासी सूची से बाहर कर दिया। तरुण महतो ने कहा कि हम अपने हक अधिकार के लिए आंदोलन कर रहें है।
विस्थापित नेता राकेश रंजन महतो ने कहा कि कुड़मी जनजाति समुदाय है। हम किसी का हकमारी नहीं कर रहें है, अपने अधिकार के लिए आंदोलन कर रहें है। जे एल के एम नेत्री भानुमति महतो ने कहा कि कुड़मी जाति को जनजाति में दर्ज करने एवं कुड़माली भाषा को आठवी अनुसूची में शामिल करने के लिए रेल टेका आंदोलन किया जा रहा है। पदाधिकारियों के साथ वार्ता के बाद शाम छह बजे आंदोलन समाप्त किया।

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