Upgrade Jharkhand News. कुड़मी को आदिवासी का दर्जा देने की मांग को लेकर कुड़मी समुदाय तथा समाज के अन्य संगठनों व राजनीतिक दलों द्वारा 'रेल टेका, डहर छेका' आंदोलन के तहत शनिवार को आहूत रेल चक्का जाम कार्यक्रम के दौरान कांड्रा व गम्हरिया रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का परिचालन सुबह से ही बाधित है। इस दौरान गम्हरिया स्टेशन से महज़ एक किलोमीटर दूर दुग्धा के रायबासा फाटक पर काफी संख्या में कुड़मी समाज के हजारों महिला-पुरुष इकट्ठा हुए और रेलवे ट्रैक जाम कर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान ट्रेन परिचालन पूरी तरह बाधित रहा। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
इस दौरान आंदोलनकारियों में महिलाओं की भी काफी उपस्थिति रही। हालांकि एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन की ओर से सभी रेलवे स्टेशनों और रेल ट्रैक के आसपास धारा 144 लगा दी गई है। दोनों स्टेशनों पर दंडाधिकारी के साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहे। कांड्रा स्टेशन पर गम्हरिया के बीडीओ प्रवीण कुमार भी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे। रेल सुरक्षा बल के जवान भी स्टेशन और उससे बाहर मुस्तैद हैं। इधर, इस आंदोलन से रेल सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है। जगह- जगह यात्री ट्रेनों को रोक दिया गया है। कई ट्रेन रद्द कर दी गई है। वहीं, मालगाड़ियां भी जगह- जगह फंसी हैं।
इधर, डायवर्ट रुट की कई ट्रेनें कांड्रा स्टेशन से होकर गुजर रही हैं। हालांकि, स्टेशन पर आम दिनों की तरह भीड़ नहीं है। स्टेशन के बाहर खड़े ऑटो वाले पैसेंजर के लिए तरस रहे हैं। वीआईपी ट्रेन के पैसेंजर्स जिनका टिकट टाटानगर तक है, उन्हें कांड्रा स्टेशन से रेलवे द्वारा बंदोबस्त की गई बसों से टाटानगर पहुंचाया जा रहा है। संध्या करीब सात बजे प्रशासनिक अधिकारियों के काफी समझाए जाने के बाद रायबासा फाटक से आंदोलनकारी हटे।

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