Jamshedpur (Nagendra) मजदूर संगठनों ने सीता राम डेरा स्थित उप श्रमायुक्त के कार्यालय में संयुक्त रूप से ठेका और अस्थायी श्रमिकों से संबंधित कुछ ज्वलंत मुद्दों पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है और साथ ही अपील करते हुए कहा है कि अधिकांश कामगारों के हितों पर ये मुद्दे प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं। इस संबंध में श्रमिक संगठनों ने उप श्रमायुक्त अरविंद कुमार को एक ज्ञापन भी सौंपा । ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि प्रमुख नियोक्ताओं और ठेकेदारों की मिलीभगत से Contract labour (Regulation and Abolition) Act, 1970, Industrial Disputes Act, 1947, Minimum Wages Act, 1948, Payment of Wages Act, 1936, Employees' Provident Funds and Miscellaneous Provisions Act. 1952, और Employees' State Insurance Act, 1948, आदि के बड़े पैमाने पर खुलेआम उत्पन्न किया जा रहा है, जिससे मजदूरी , सामाजिक सुरक्षा और औद्योगिक विवादों से संबंधित अधिकारों को नकारा जा रहा है।
वैसे हाल ही में जारी 'ठेका मजदूरों के लिए 11 महीने के अनुबंध रोजगार के मुद्दे की ओर आकर्षित करते हैं, जिसके तहत मौजूदा कामगारों को नियमित नियुक्ति पत्र के बजाय संबंधित ठेकेदार द्वारा एकतरफा मार्तों के साथ रोजगार के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया जा रहा है । जबकि इस कार्यालय द्वारा पिछले वर्ष की गई पहल को कृतज्ञतापूर्वक पाद करते है. जिसके तहत उद्योगों को परामर्श जारी किया गया था कि किसी भी प्रतिष्ठान में ठेका श्रमिकों को उसी दर पर बोनस का भुगतान किया जाए, जिस दर पर उस प्रतिष्ठान में प्रमुख नियोक्ता द्वारा स्थायी/नियमित कर्मचारियों को भुगतान बोनस भुगतान किया गया हो। उपर्युक्त बिंदुओं की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि, नीचे उल्लिखित हमारी मांगों पर पर्याप्त और शीघ्र संभव कदम उठाए जाने की कृपा की जाए।
(1) मुख्य नियोक्ताओं के सहयोग एवं समर्थन से ठेकेदारों द्वारा 11 महीने या निश्चित अवधि के रोजगार के लिए, कार्य स्थिति में अवैध परिवर्तन करते हुए एकतरफा शर्तों के साथ रोजगार के "समझौता पत्र थोपने की प्रक्रिया पर रोक लगाना सुनिश्चित की जाए। (2) त्यौहार से पहले प्रत्येक ठेका कामगार को बोनस का भुगतान सुनिश्चित किया जाए तथा किसी भी प्रतिष्ठान में स्थायी और नियमित कर्मचारियों के समान दर पर बोनस के भुगतान के लिए कृपया नियोक्ताओं को परामर्श जारी किया जाए। (3) जहां कार्य स्थायी प्रकृति की है और प्रतिष्ठान की मुख्य व्यावसायिक गतिविधियों का आधार है, वहां ठेका श्रम का उन्मूलन के लिए पहल किया जाए। (4) मजदूरी, काम की घंटे, ओवरटाइम भुगतान, अवकाश, सामाजिक सुरक्षा और औद्योगिक विवादों के साथ-साथ केंटीन प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाओं का प्रावधान आदि से संबंधित अधिकार सुनिश्चित की जाए। (5) कृपया श्रम विभाग में न्यूनतम वेतन के संबंधित प्राधिकारी को ठेका मजदूरों के लिए 01/04/2025 से देय परिवर्तनीय महंगाई भत्ते के भुगतान के लिए लंबित अधिसूचना के बारे में हमारी चिंता से अवगत कराएं, जो राज्य के बड़ी संख्या में श्रमिकों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। (6) नियोक्ताओं द्वारा रिकार्ड में किसी भी प्रकार की हेराफेरी को रोकने के लिए संबंधित श्रमिकों के पास अपनी उपस्थिति और प्रतिदिन किए गए काम घंटों का कागजी रिकार्ड (Attendance Card) उपलब्ध कराना सुनिश्चित की जाए.
इस मौके पर झारखंड श्रमिक संघ झामुमो , झारखंड असंगठित मजदूर पूनियन , झारखंड वर्कर्स यूनियन , सिंहभूम ठेकेदार कामगार पूनियन आदि से जुड़े सैकड़ों श्रमिक गण उपस्थित थे।

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