- राम पात्रों का सराहनीय प्रयास, शिक्षा से रोशन हो रहा भविष्य
Upgrade Jharkhand News. पूर्वी सिंहभूम : शिक्षा को समाज की रीढ़ कहा जाता है, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कई गरीब और वंचित वर्ग के बच्चे इससे वंचित रह जाते हैं। ऐसे बच्चों के जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाने का कार्य जुगसलाई क्षेत्र के बागबेड़ा निवासी समाजसेवी राम पात्रों कई सालों से लगातार कर रहे हैं। वे हर रविवार गरीब और वंचित बच्चों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराते हैं। राम पात्रों का मानना है कि यदि समाज में समानता लानी है तो शिक्षा ही सबसे बड़ा हथियार है। आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चों को पढ़ाई में पीछे नहीं रहना चाहिए। इसी सोच के साथ उन्होंने बच्चों को इकट्ठा करना शुरू किया और उन्हें किताबें, कॉपी-कलम उपलब्ध कराकर पढ़ाना आरंभ किया।
रविवार को जब अधिकांश लोग छुट्टी का आनंद लेते हैं, तब राम पात्रों उन बच्चों के साथ समय बिताते हैं जो विद्यालय की फीस या साधनों के अभाव में शिक्षा से दूर रह जाते हैं। वे बच्चों को न केवल बुनियादी शिक्षा देते हैं, बल्कि जीवन मूल्यों, अनुशासन और समाज सेवा की भी सीख प्रदान करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि राम पात्रों का यह प्रयास समाज के लिए प्रेरणा है। जिन बच्चों के पास विद्यालय जाने की सुविधा नहीं थी, वे अब नियमित रूप से पढ़ाई में रुचि दिखा रहे हैं। माता-पिता भी इस पहल से प्रसन्न हैं और अपने बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
राम पात्रों ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल बच्चों को पढ़ाना नहीं, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और भविष्य के प्रति जागरूकता जगाना है। उन्होंने समाज के सक्षम लोगों से अपील की है कि वे भी इस अभियान से जुड़ें और शिक्षा के माध्यम से समाज को सशक्त बनाने में योगदान दें। संस्था "हेल्पिंग हैंडस बागबेड़ा" की इस पहल से शुरुआत में करीब 450 बच्चे जुड़े थे। इनमें से कई बच्चे आज शिक्षा पाकर अपने जीवन की राह पर निकल चुके हैं। वर्तमान में संस्था से जुड़े लगभग 120 बच्चे हर रविवार नियमित रूप से पढ़ाई करते हैं। इस अभियान में राम पात्रों के साथ हेमन्त कुमार पान, बीरबल साहू, बिशु लोहार, अजय लोहार, नंदनी दास और शिव दास जैसे सदस्य भी सक्रिय योगदान दे रहे हैं।

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