Upgrade Jharkhand News. विगत दिनों माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक याचिका के सुनवाई के क्रम में दिए गए न्यायादेश से 20-30 वर्ष की सेवा कर चुके झारखंड के तीस हजार शिक्षकों सहित देश के लाखों शिक्षकों के सामने प्रोन्नति से वंचित होने के साथ-साथ सेवा समाप्ति की संकट उत्पन्न हो गया है। शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 लागू होने के बाद एनसीटीई के द्वारा वर्ष 2010 के पश्चात् प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षक प्रशिक्षण के साथ-साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) उत्तीर्णता का शर्त रखा गया था। इसी अधिनियम के तहत वर्ष 2010 के पश्चात झारखंड प्रदेश सहित देश भर में शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। उक्त अधिसूचना के पैरा -4 में अधिसूचना से पूर्व के नियुक्त एवं सेवारत शिक्षकों को नए निर्धारित न्यूनतम योग्यता से मुक्त रखा गया है, लेकिन माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा न्याय निर्देश सुनाते समय इस महत्वपूर्ण बातों को संज्ञान में नहीं लिया गया।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एनसीटीई अधिसूचना के विपरीत दो-तीन दशक से अधिक सेवावधि एवं अधिसूचना निर्गत होने के 10-15 वर्ष पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए टैट उत्तीर्णता की शर्त को अनिवार्य घोषित करते हुए अगले दो वर्ष में टेट उत्तीर्ण नहीं करने की स्थिति में अनिवार्य सेवानिवृत्ति का न्याय निर्देश पारित किया गया। इस न्याय निर्देश से देशभर के लाखों सरकारी शिक्षकों के साथ-साथ निजी विद्यालयों के शिक्षक, संविदा शिक्षक एवं पारा शिक्षक भी सीधे प्रभावित होंगे। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से शिक्षकों के आजीविका एवं आत्मसम्मान से जुड़े इस महत्वपूर्ण विषयों को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए झारखंड के लगभग तीस हजार शिक्षक सहित देश भर के लाखों शिक्षकों के सेवा को संरक्षित रखने तथा वरीयता को अक्षुण्ण रखने के लिए विधायिका की प्रदत्त व्यवस्था के प्रतिकूल पारित उक्त न्यायादेश के विरुद्ध राज्य स्तर से पुनर्विचार याचिका दायर करने तथा भारत सरकार से यथोचित समीक्षा समीक्षा करने के निमित्त आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध करने का सांगठनिक निर्णय लिया गया था।
उक्त सांगठनिक निर्णय के क्रम में गुरुवार को जिलाध्यक्ष मानिक प्रसाद सिंह के नेतृत्व में दूर दराज से आए बड़ी संख्या में शिक्षकों द्वारा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित मांग- पत्र उपायुक्त को समर्पित किया गया। इस दौरान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक दत्ता, जिलाध्यक्ष मानिक प्रसाद सिंह, महासचिव सुदामा मांझी, उपाध्यक्ष देवेंद्र साहू, मनोज कुमार सिंह, संजय साहू , बलराज हांसदा, बुद्धेश्वर साहू अजित कुंभकार, सोमेन दास, अमर उरांव, अरुण बर्मन, रवीन्द्र मछुआ, चित्तरंजन महतो, गदाधर महतो, हेमंत मार्डी सहित जिला कमेटी एवं अंचल कमेटी के संघीय पदाधिकारी व काफी संस्था में प्रभावित शिक्षक मौजूद थे।

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