- रावण दहन के माध्यम से बुराइयों का अंत और धर्म की स्थापना का संदेश दिया जाता है : हरेलाल महतो
Upgrade Jharkhand News. सरायकेला खरसावां जिला अंतर्गत नीमडीह प्रखंड के झिमड़ी सोनाडूंगरी में शनिवार की शाम सोलोआना कमिटी द्वारा रावण दहन सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में झारखंड एवं बंगाल के विशाल जनसैलाब उमड़ी। जनसैलाब को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि आजसू के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो ने कहा कि दशहरा या विजय दशमी भगवान श्री राम द्वारा लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करने का दिन है। इसलिए इस दिन रावण का पुतला जलाकर उनकी जीत का उत्सव मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि रावण को बुरी प्रवृत्तियों, जैसे अहंकार, घृणा और अत्याचारी व्यवहार का प्रतीक माना जाता है। रावण दहन के माध्यम से इन बुराइयों का अंत और धर्म की स्थापना का संदेश दिया जाता है। यह परंपरा लोगों को याद दिलाती है कि चाहे अधर्म कितना भी मजबूत क्यों न हो, अंततः सत्य, न्याय और धर्म की ही जीत होगी। उन्होंने कहा कि रावण ज्ञानी और शक्तिशाली होने के बावजूद, अपने अहंकार के कारण विनाशकारी बन गया था। रावण दहन के माध्यम से हम अपने अंदर के अहंकार और गलत प्रवृत्तियों को जलाने का संकल्प लेते हैं।
झूमूर सम्राट संतोष महतो एंड टीम ने दर्शकों का जमकर किया मनोरंजन -नीमडीह प्रखंड के झिमड़ी के सोनाडूंगरी में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम के अवसर पर झूमूर सम्राट संतोष महतो एंड टीम ने दर्शकों को जमकर मनोरंजन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में 'झारखंडेर माटी दादा स्वर्ग समान, यंहा जनम भाग्यवान दादा जनम भाग्यवान' में देशप्रेम की भावना जागृत किया। वंही युवाओं के लिए गाये गीत 'शुधु मोबाइल फोने मन कि आर माने, समय पाले देखा दिते सांगात आसो शाल बने, सांगात सबूर करो मने अतो चांड़े केने, प्रथम प्रीत भालो लागे गोपने गोपने। निजेर संगी हाथे धरे घूरछे देख न मेला धारे, हाँसे हाँसे चप टा खाछे मन कि आर माने। फुलेर माला जबे दिबि तोर संगे दिनेई जाबी, अधम संतोष ओ भने प्रेम प्रीति नाही जाने तुमि जानो आमी जानी अन्य किबा जाने'। 'तोर काजल रांगा चोखे दीवाना करे दिलो तोर मुचूक मुचूक हांसी मनटा काढ़े लिलो, हाय रे आमार चंद्रमुखी रे' दर्शक जमकर झूमे। इस अवसर पर कमिटी के अध्यक्ष गणेश चंद्र महतो, पंचायत समिति सदस्य पद्मलोचन महतो, मुखिया संघ के नीमडीह प्रखंड अध्यक्ष वरुण कुमार सिंह, आदरडीह के मुखिया सुभाष सिंह, लक्ष्मीकांत महतो आदि उपस्थित थे।

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