- आदिवासियो ने भरी हुंकार
Upgrade Jharkhand News. आदिवासी सामाजिक संगठन, चांडिल अनुमंडल द्वारा बुधवार को अनुमंडल मुख्यालय परिसर में एक वृहद धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विभिन्न पंचायतों और गांवों से आए आदिवासी समाज के लोगों ने भाग लिया। धरना का मुख्य उद्देश्य था — कुड़मी/कुर्मी जाति को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने का विरोध। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार से आग्रह कुडमी को एसटी सूची मे शामिल ना करे वर्तमान मे एसटी सूची मे शामिल होने के लिए रेल टेका कर एसटी सूची मे होना चाहते है जो आदिवासी समाज की मूल पहचान, संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों पर सीधा आघात है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि झारखंड, बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के आदिवासी समुदाय अपनी परंपरा और अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट हैं। धरना स्थल पर उपस्थित नेताओं और वक्ताओं ने वीर बिरसा मुंडा, सिद्धू-कान्हू, वीर वुधू भगत,गंगानारायण सिंह आदि जैसे महान आदिवासी नायकों के संघर्ष को नमन किया और “अमर रहें, अमर रहें” के नारों से पूरा परिसर गूंज उठा।
मुख्य मांगें:-
1. झारखंड में 1996 पेशा कानून लागू करे ।
2. कुर्मी/कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के विरोध मे।
3. झारखंड राज्य पांचवी अनुसूचि जिले मे नगर निगम चुनाव का विरोध मे।
4. केंद्र सरकार द्वारा घोषित जातीय जनगणना से पहले सरना कोड संबंधी।
राष्ट्रपति को सौंपा गया ज्ञापन-धरना के अंत में एक प्रतिनिधिमंडल ने अनुमंडल पदाधिकारी, चांडिल के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि केंद्र सरकार कुड़मी जाति को एसटी सूची में शामिल न करे, क्योंकि यह निर्णय आदिवासी समाज की ऐतिहासिक पहचान और संवैधानिक अधिकारों के विरुद्ध है।
धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण लेकिन दृढ़ संदेश-धरना शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ, किंतु आदिवासी समाज की एकजुटता और आक्रोश साफ़ झलक रहा था। उपस्थित महिलाओं, युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में कहा —
“हम अपनी अस्मिता की रक्षा करेंगे, किसी भी कीमत पर अपना हक नहीं छोड़ेंगे।”
इस अवसर पर संगठन के मांझी बाबा संजीव टुडू,सुधीर किस्कू,रविन्द्र सिंह सरदार,शक्तिपद हांसदा,बाबुराम सोरेन,सुकलाल पहाडिया,ज्योतिलाल बेसरा, रोबिन सिंह,जयनाथ सिंह,जगदीश सरदार,भूषण सिंह मुण्डा आदि कई सदस्य उपस्थित रहे।


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