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Jamshedpur 55वें गुरमत सिख्या कैंप का समापन , जसमीत और जगजोत बने सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु 55th Gurmat Sikhya Camp concludes; Jasmeet and Jagjot emerge as the best trainees

 


Jamshedpur (Nagendra) सिख धर्म की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोने वाला 55वां गुरमत सिख्या कैंप 2025 का मानगो गुरुद्वारा में एक भव्य और आध्यात्मिक समापन समारोह के साथ संपन्न हुआ। इस सात दिवसीय शिविर में कोलकाता की जसमीत कौर और जगजोत सिंह ने अपनी उत्कृष्टता का परचम लहराते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु का खिताब हासिल किया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के पदाधिकारियों और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने विजेताओं को पुरस्कृत कर उनका उत्साहवर्धन किया।


सिख फोरम एंड सिख वेलफेयर एसोसिएशन, कोलकाता और श्री गुरु सिंह सभा, मानगो के संयुक्त तत्वावधान में 28 सितंबर से 4 अक्टूबर तक आयोजित इस शिविर में आए 185 बच्चों ने गुरमत ज्ञान के महासागर में डुबकी लगाई। शिविर में गुरु इतिहास, सिख इतिहास, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी द्वारा अनुमोदित सिख रहत मर्यादा, गुरमुखी, गुरबाणी और सोहनी पगड़ी प्रशिक्षण जैसे विषयों पर गहन कक्षाएं आयोजित की गईं। मुख्य अतिथि श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने समापन समारोह में बच्चों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह शिविर सिखी के सच्चे रंगों को जीवंत करने का एक पवित्र मंच है। यहाँ उपस्थित प्रत्येक बच्चा गुरु की शिक्षाओं का दीपक बनकर समाज को आलोकित करेगा। 


जसमीत और जगजोत जैसे नन्हे सितारों ने न केवल ज्ञान अर्जित किया बल्कि सिखी के मूल्यों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा वे इन बच्चों से स्वयं प्रेरित हैं और इन्हें प्रोत्साहित करते हैं कि वे गुरबानी के मार्ग पर चलकर अपने जीवन को धन्य बनाएँ। मानगो गुरुद्वारा के महासचिव जसवंत सिंह जस्सू ने बताया कि इस शिविर में देश के प्रख्यात सिख विद्वानों जैसे मंजीत कौर (प्रधानाचार्य, शहीद मिशनरी कॉलेज), डॉ. राजवंत सिंह (प्रमुख, एको सिख), भाई मनधीर सिंह (पंथक सेवा जत्था, दोआबा), डॉ. गुरप्रीत सिंह (रिसर्च स्कॉलर, सिख इतिहास, एसजीपीसी), कैप्टन यशपाल सिंह, सरदार गौरवदीप सिंह और बीबी बलजीत कौर ने अपनी विद्वता से बच्चों का आध्यात्मिक और बौद्धिक उत्थान किया।



वहीं सीजीपीसी प्रधान भगवान सिंह ने बच्चों और उनके परिजनों से आह्वान किया कि गुरमत ज्ञान एक अनमोल रत्न है। यदि इस महासागर से एक बूंद भी ग्रहण कर लें, तो हमारा जीवन सार्थक हो जाता है। यह शिविर सिखी के प्रकाश को फैलाने का एक स्वर्णिम अवसर है। समापन समारोह में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल सहित पूर्वी भारत की प्रमुख सिख हस्तियों ने भाग लेकर आयोजन की शोभा बढ़ाई। यह शिविर न केवल बच्चों के लिए ज्ञान का स्रोत बना बल्कि सिखी के आध्यात्मिक मूल्यों को जीवंत करने का एक जीवंत मंच साबित हुआ।



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