Jamshedpur (Nagendra) पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस में नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को दर्जनों कार्यकर्ताओं ने गांधी घाट, मानगो पुल के पास शांतिपूर्ण सत्याग्रह कर “संगठन सृजन अभियान” की प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की। जिला उपाध्यक्ष बबलू झा ने आरोप लगाया कि केंद्रीय पर्यवेक्षक की रिपोर्ट और रायशुमारी को पूरी तरह नजरअंदाज कर विधायकों व मंत्रियों की सिफारिश पर ऐसे व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बनाया गया, जो सूची में शामिल ही नहीं थे। बबलू झा ने चेतावनी दी कि यदि पर्यवेक्षक की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई तो वे आत्मदाह करेंगे। उन्होंने इसके लिए प्रदेश प्रभारी के. राजू और प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश को जिम्मेदार ठहराया।
सत्याग्रह में जिला महासचिव अमित दुबे, सचिव अजितेश उज्जैन, आजम सफी बादशाह, शमीम गद्दी, गुलाम मोहम्मद और कुलदीप सिंह सहित अनेक कार्यकर्ता शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में दो पूर्व विधायकों की सिफारिशों को वरीयता दी गई — जिनमें एक 2019 में कांग्रेस से बगावत कर आजसू से चुनाव लड़े थे सोशल मीडिया पर भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है बहरहाल आलाकमान इस पर गंभीर नहीं होते हैं तो कांग्रेस एक बार फिर अपनों की लड़ाई में गर्त में जाने की ओर अग्रसर है संगठन को मजबूती और नई दिशा देने की जगह अब पार्टी में आपसी प्रतिद्वंद्विता बढ़ती नजर आ रही है।

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