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Jamshedpur आदिवासी कुड़मि समाज ने रेल टेका आंदोलन की समीक्षा बैठक में सरकार से एसटी की मांग पुनः दोहराई The tribal Kudmi community reiterated the demand for ST status to the government in the review meeting of the Rail Teka movement.


Upgrade Jharkhand News. आदिवासी कुड़मि समाज के केंद्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर महतो की अध्यक्षता में तीनों राज्यों के 100 जगहों पर हुए रेल टेका व डहर छेंका आंदोलन की समीक्षा बैठक देवेंद्र सेवा सदन, कागलनगर, सोनारी में आयोजित की गई। बैठक में बड़ी संख्या में समाज के बुद्धिजीवी, युवा एवं महिला प्रतिनिधि उपस्थित थे। आज की समीक्षा बैठक में झारखंड, ओडिशा और बंगाल—तीनों राज्यों से समाज के लोग उपस्थित थे।



इस अवसर पर मुख्य वक्ता समाज के मूलखूंटी मूलमानता अजीत प्रसाद महतो ने समाज को संबोधित करते हुए कहा कि कुड़मी समाज का अनुसूचित जनजाति (एसटी ) दर्जा ऐतिहासिक रूप से सिद्ध है, लेकिन सरकार द्वारा लंबे समय से इसे नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। रेल टेका आंदोलन में समाज के लाखों लोग, महिला , बच्चें, बुजुर्ग, नौजवान आदि रेलवे ट्रैक पर ढोल नगाढ़ा के साथ बैठकर अपनी आवाज़ उठाए, लेकिन सरकार ने अभी तक ठोस कदम नहीं उठाया है। आंदोलन के दौरान समाज को अनेक कठिनाइयों, आर्थिक संकट और प्रशासनिक दमन का सामना करना पड़ा है। कई युवाओं और बुजुर्गों पर केस दर्ज हुए, जो हमारे शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम करने की साज़िश है।



श्री मूलमानता ने जोर देकर कहा कि कुड़मी समाज का यह संघर्ष केवल संवैधानिक अधिकार और ऐतिहासिक न्याय की लड़ाई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुड़मी का इतिहास, परंपरा, संस्कृति और जनजीवन आदिवासी समाज से गहरे रूप से जुड़े हुए हैं, जिसे अब नकारा नहीं जा सकता। बैठक में यह भी कहा गया कि कई लोगों द्वारा अनजाने या राजनीतिक महाकावे में एसटी दर्जा बहाल करने का विरोध किया जा रहा है, किंतु यही विरोध हमारे रेल टेका आंदोलन की सफलता का उदाहरण है। बंगाल सरकार द्वारा कुड़मी गांवों में पुलिस भेजकर घर से पुरुषों को उठाकर जेल भेजना, सरकार का डर और हमारी जीत का प्रतीक है।



बैठक में निर्णय लिया गया कि आंदोलन को और अधिक संगठित किया जाएगा। झूठे केस वापस लेने की मांग की जाएगी। समाज के सभी वर्गों से एकता बनाए रखने का आह्वान किया गया। केंद्र और राज्य सरकार को याद दिलाया गया कि अब कुड़मी समाज का एसटी दर्जा बहाल करना ही एकमात्र न्यायपूर्ण कदम है। अंत में समाज के नेताओं ने स्पष्ट संदेश दिया कि अगर सरकार जल्द ही सकारात्मक पहल नहीं करती है, तो रेल टेका आंदोलन और उग्र रूप लेगा।इस अवसर पर केंद्रीय उपाध्यक्ष शशधर काड़ुआर, केंद्रीय महासचिव अधिवक्ता सुनील कुमार गुलिआर, केंद्रीय सहसचिव जयराम हिंदइआर,  झारखंड प्रदेश अध्यक्ष पद्मलोचन काड़ुआर, उपाध्यक्ष तालेश्वर पुनअरिआर, मणिलाल महतो, राकेश रंजन महतो, योगेश्वर नागवंशी, दिव्यसिंह मोहंता, मंटू महतो, हलधर, परशुराम, दिनेश, मनोज, काकोली काड़ुआर, माणिक , रासबिहारी, पार्वती चरण, लक्ष्मण, गोपाल, शत्रुघ्न, सुभाष, अरुण, कुमुद, गंगाधर महतो आदि समाज के अनेक वरिष्ठजन, युवा नेता एवं महिला प्रतिनिधि उपस्थित थे।



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