Upgrade Jharkhand News. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खरगपुर के कलकता एक्स्टेंसन सेंटर के कर्मचारियों ने अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) गौतम सूत्रधर की खोई हुई बेशकीमती हीरे की अंगूठी को न केवल ढूंढ़ निकाला, बल्कि पूरी सुरक्षित अवस्था में उन्हें लौटाकर एक मिसाल कायम की एंव असाधारण नैतिक उदाहरण स्थापित किया। घटना पिछले महीने की है, जब प्रो. सूत्रधर कोलकाता में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यालय कार्यक्रम में शामिल होने हेतु पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान वे दो दिनों तक आईआईटी खरगपुर के कोलकाता स्थित एक्सटेंशन सेंटर (गेस्ट हाउस) में ठहरे थे। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वे अपने संस्थान लौट आए, परंतु उन्हें इस बात का एहसास नहीं हुआ कि उनकी हीरे की अंगूठी वहीं कहीं कमरे में रह गई है।
करीब दस दिनों बाद जब अंगूठी के गायब होने का ध्यान आया, तो प्रो. सूत्रधर ने तत्क्षण गेस्ट हाउस प्रभारी से संपर्क किया और घटना की जानकारी दी। उल्लेखनीय है की उस अंगूठी से प्रो. सूत्रधर को विशेष लगाव सा था क्योंकि वे पिछले करीब 22 वर्षों से निरंतर पहनते आ रहे थे, जिसके कारण उनका इससे विशेष भावनात्मक लगाव था और अंगूठी के गुम हो जाने से वे स्वाभाविक रूप से अत्यंत व्यथित थे। बहरहाल, अंगूठी गुम होने की जानकारी मिलते ही गेस्ट हाउस के प्रभारी और कर्मचारियों ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए उस कमरे को खोजने का निर्णय लिया, जिसमें प्रो. सूत्रधर ठहरे थे। अंगूठी के खोने की जानकारी तुरंत आईआईटी खरगपुर के निदेशक प्रोफेसर सुमन चक्रवर्ती को भी दी गयी।
एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक की खोई हुई हीरे की अंगूठी खोजकर सुरक्षित लौटाई-सौभाग्य से, उस कमरे को प्रो. सूत्रधर के प्रस्थान के बाद किसी अन्य अतिथि को आवंटित नहीं किया गया था। इसके बाद एक्स्टेंसन सेंटर के सभी कर्मचारियों एंव सुरक्षाकर्मियों ने सामूहिक रूप से कमरे और गेस्ट हाउस परिसर की बारीकी से तलाशी शुरू की। घंटों की मेहनत और सूक्ष्म खोजबीन के बाद अंततः वह अंगूठी गेस्ट हाउस के एक कोने में सुरक्षित अवस्था में मिल गई। गेस्ट हाउस प्रभारी ने अंगूठी मिलने की सूचना और उसका एक फोटोग्राफ तत्काल प्रो. सूत्रधर को भेजा, ताकि उसकी पुष्टि की जा सके। अंगूठी की पहचान होने के बाद उसे सुरक्षित रूप से लौटाने की प्रक्रिया पूरी की गई। इस घटना ने शैक्षणिक जगत में सकारात्मक संदेश दिया है कि विश्वास, निष्ठा और सत्यनिष्ठा जैसे मूल्यों का महत्व किसी भी संस्था की गरिमा को और ऊंचा करता है।
एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक ने जताया आभार - प्रो. (डॉ.) गौतम सूत्रधर ने आईआईटी खरगपुर के समस्त प्रशासन और कर्मचारियों के प्रति अपनी गहरी सराहना एवं आभार व्यक्त करते हुए कहा कि : “आईआईटी खरगपुर कलकता एक्स्टेंसन सेंटर के कर्मचारियों ने न केवल अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया है, बल्कि यह भी सिद्ध किया है कि सच्चाई और निष्ठा जैसे मूल्य हमारे देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों की वास्तविक पहचान एंव सबसे बड़ी पूंजी है।”प्रो. सूत्रधर ने आईआईटी खरगपुर के निदेशक प्रोफेसर सुमन चक्रवर्ती द्वारा मामले में तुरंत तत्परता दिखने के लिए उनके प्रति भी आभार प्रकट की, साथ हीं कलकता एक्स्टेंसन सेंटर के कर्मचारियों को सम्मानित करने की इच्छा व्यक्त की है।
संस्थानिक मूल्यों का प्रेरणास्रोत उदाहरण -इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल आईआईटी खरगपुर कलकता एक्स्टेंसन सेंटर के कर्मचारियों की निष्ठा, पारदर्शिता और उच्च नैतिक मानदंडों को उजागर किया है बल्कि आईआईटी खरगपुर की साख को और ऊँचा किया है और बल्कि समस्त शिक्षण संस्थानों के लिए यह प्रेरणास्रोत भी बनी है।



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