Mumbai (Chirag) यह 23 शानदार साल हो चुके हैं जब अनडिस्प्यूटेड पैन-इंडिया सुपरस्टार प्रभास ने ईश्वर फिल्म से अपना डेब्यू किया था, और इन वर्षों में वे एक फेनोमेनन बन गए हैं। एक होनहार नए कलाकार से लेकर भारतीय सिनेमा के वैश्विक विस्तार का चेहरा बनने तक, प्रभास ने स्टारडम की हर परिभाषा को बदल दिया है।सब कुछ बदल देने वाला मोड़ था — बाहुबली। इस फिल्म ने सिर्फ रिकॉर्ड नहीं तोड़े, बल्कि सीमाएं भी मिटा दीं। जब बाहुबली 2 ₹1000 करोड़ का आंकड़ा पार करने वाली पहली भारतीय फिल्म बनी, तब प्रभास सिर्फ एक तेलुगु सुपरस्टार नहीं रहे — वे भारत के पहले सच्चे पैन-इंडिया सुपरस्टार* बन गए। उसके बाद हर बड़ी रिलीज़ को बाहुबली के स्तर पर मापा जाने लगा, एक ऐसा मानक जिसे आज भी सिर्फ प्रभास ही पूरा करते हैं।
प्रभास को वास्तव में अलग बनाता है उनकी वह दुर्लभ क्षमता जिससे उनकी हर फिल्म एक इवेंट बन जाती है। साहो से लेकर सलार: पार्ट 1 – सीज़फायर और काल्कि 2898 ए.डी. तक — उनकी हर फिल्म भाषाओं और सीमाओं से परे जाकर चर्चा का विषय बन जाती है। खासकर काल्कि 2898 ए.डी. ने एक बार फिर उनकी ताकत साबित की, जब उसने रिकॉर्ड तोड़ ओपनिंग के साथ यह दर्शा दिया कि प्रभास ही अकेले ऐसे अभिनेता हैं जिनकी पाँच फिल्मों ने ₹100 करोड़ की ओपनिंग दी है — बाहुबली 2, साहो, आदिपुरुष, सलार, और काल्कि 2898 ए.डी.। आज जब दर्शकों के पास अनगिनत विकल्प हैं, तब भी प्रभास भारतीय सिनेमा के डे 1 किंग बने हुए हैं।उनका पैन-इंडिया अपील बेमिसाल है।
पौराणिक कथाओं से लेकर भविष्यवादी कहानियों तक, हर प्रभास फिल्म एक सिनेमाई भव्यता के रूप में बनाई जाती है — बड़ी स्क्रीन पर देखने के लिए। और फिर भी, इस सारे पैमाने और स्टारडम के बीच, उनकी विनम्रता ही है जो लोगों के दिलों को छूती है। दुनियाभर के प्रशंसक उन्हें सिर्फ अभिनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक इंसान के रूप में भी पूजते हैं — मृदुभाषी, दयालु और जमीन से जुड़े हुए, चाहे शोहरत कितनी भी ऊँची क्यों न हो।अब जब प्रभास अपने सिनेमा के 23वें वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं, वे अपने करियर के एक असाधारण मुकाम पर खड़े हैं। सलार: पार्ट 2 – शौर्यांग पर्व, स्पिरिट, फौजी, द राजा साब, काल्कि 2898 ए.डी. पार्ट 2 और कई अन्य फिल्मों के साथ, उनकी आने वाली लाइनअप भारतीय सिनेमा के भविष्य की झलक पेश करती है।
प्रभास सिर्फ एक सुपरस्टार नहीं हैं — वे एक भावना हैं।वे दक्षिण और उत्तर के बीच, भव्यता और सादगी के बीच एक सेतु हैं। तेईस साल बाद भी उनका जादू फीका नहीं पड़ा — बल्कि और भी प्रबल हो गया है।और जैसे-जैसे दर्शक उनकी हर नई फिल्म का इंतज़ार करते हैं, एक सच्चाई हर बार गूंजती है —सिर्फ एक प्रभास हैं, और वे आज भी सहजता से राज कर रहे हैं — भारत के अनडिस्प्यूटेड पैन-इंडिया सुपरस्टार के रूप में।

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