Upgrade Jharkhand News. नेशनल हेराल्ड मामले में श्रीमती सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती दिखाई दे रही हैं। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नेशनल हेराल्ड केस में मामला दर्ज किया है। आरोपों के मुताबिक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति 50 लाख रुपये में खरीदी गई थी। दोनों नेताओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने नई प्राथमिकी दर्ज की है। इस में सोनिया और राहुल के अलावा कुल छह अन्य लोगों और तीन कंपनियों के नाम शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आर्थिक अपराध शाखा ने राहुल और सोनिया गांधी समेत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपों के मुताबिक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिडेट की दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति महज 50 लाख रुपये में हड़प ली गई थी। इस मामले में एजेएल ने 6 लोगों और 3 कंपनियों को आरोपी बनाया है।नेशनल हेराल्ड केस की जांच कर रही इडी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने केस दर्ज किया है। कांग्रेस पार्टी से जुड़ी एसोसिएटेड जर्नल्स को धोखाधड़ी से कब्जाने की साजिश का आरोप लगा है।
सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड केस की जांच पूरी करने के बाद अपनी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपी थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने 3 अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज की। इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस के स्वामित्व वाली संस्था एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण धोखाधड़ी के जरिए किया गया। एसोसिएट जर्नल की कुल संपत्ति लगभग 2000 करोड़ रुपये बताई गई है। यह अधिग्रहण यंग इंडियन के माध्यम से किया गया था, जिसमें गांधी परिवार की 76 फीसदी हिस्सेदारी बताई जाती है। नई एफआईआर में सोनिया और राहुल के अलावा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा और तीन अन्य व्यक्तियों के नाम भी दर्ज किए गए हैं। जिन कंपनियों को एफआईआर में शामिल किया गया है, उनमें एजेएल, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
एफआईआर में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और विश्वासघात जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इडी ने 9 अप्रैल,2025 को सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और डोटेक्स के प्रमोटर के खिलाफ नेशनल हेराल्ड/एसोसिएटेड जर्नल्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक चार्जशीट दायर की थी। ताज़ा एफआईआर में सोनिया गांधी (आरोपी संख्या 1) राहुल गांधी (आरोपी संख्या 2)सुमन दुबे (आरोपी संख्या 3) सैम पित्रोदा (आरोपी संख्या 4) मेसर्स यंग इंडियन (आरोपी संख्या 5) मेसर्स डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड (आरोपी संख्या 6)सुनील भंडारी (आरोपी संख्या 7)बनाए गए हैं। आरोप है कि कोलकाता स्थित तीन फर्जी कंपनियों के माध्यम से यंग इंडियन को 1 करोड़ रुपये दिए गए और सिर्फ 50 लाख रुपये में एसोसिएट जर्नल का अधिग्रहण किया गया, जबकि एसोसिएट जर्नल की संपत्ति 2000 करोड़ रुपये आंकी गई है। माना जा रहा है कि दिल्ली पुलिस जल्द ही एजेएल के शेयरधारकों से पूछताछ कर सकती है।
गांधी परिवार पर आरोप है कि इस संपत्ति को हड़पने के लिए यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड नाम का इस्तेमाल किया गया। ये कंपनियां कथित तौर पर कोलकाता की शेल कंपनियां हैं, जिसने यंग इंडिया को एक करोड़ रुपये दिए थे। जिससे गांधी परिवार ने कांग्रेस को 50 लाख रुपये देकर एसोसिएट जर्नल को कथित तौर पर 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदने के लिए कहा था। गौरतलब है कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरूआत की थी। इसकी संपत्ति दिल्ली, मुंबई, लखनऊ समेत कई शहरों में फैली थी। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नाम की कंपनी अखबार के प्रबंधन का जिम्मा संभालती थी। आरोपों के मुताबिक जिस वक्त नेशनल हेराल्ड की संपत्ति गांधी परिवार को महज 50 लाख रुपये में बेची गई उस वक्त उसकी कीमत 2,000 करोड़ रुपये थी। नेशनल हेराल्ड केस में 2008 से 2014 के बीच मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। वर्ष 2014 में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की निजी शिकायत के आधार पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया था। 9 अप्रैल को गांधी परिवार समेत अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। गांधी परिवार ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट दोनों में चुनौती दी, लेकिन अदालतों ने कोई राहत नहीं दी। चूंकि यह मामला हजारों करोड़ की एजेएल की संपत्तियों और शेयरों के रूप में अपराध की आय बनाने, कब्जे और उपयोग से संबंधित है, इसलिए ₹ 752 करोड़ मूल्य की एजेएल की संपत्तियों को सुरक्षित करने के लिए इडी ने 20 नवंबर 2023 को अटैच करने का आदेश जारी किया था, जिसकी निर्णायक प्राधिकारी ने पुष्टि कर दी है।
इडी की जांच रिपोर्ट आयकर विभाग के यंग इंडियन मामले में 27 नवंबर 2017 के आदेश को और आगे बढ़ाती है। 2017 में, आईटी विभाग ने यंग इंडियन के हाथों एजेएल की संपत्तियों के अवैध अधिग्रहण पर ₹414 करोड़ से अधिक की बड़ी टैक्स चोरी पाई थी। हालांकि इडी के आरोपों को कांग्रेस पार्टी लंबे समय से खारिज करती आ रही है। कांग्रेस का कहना है कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी एजेंसियों का इस्तेमाल कर गांधी परिवार को परेशान कर रही है। कांग्रेस ने लगातार आरोपों को गलत बताया है और इडी पर सरकार के कहने पर राजनीतिक चाल चलने का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ बीजेपी इसे कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार का भ्रष्टाचार बताती रही है। राजनीतिक हल्के में ताजा एफआईआर से हड़कंप मच गया है। कयास है कि राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले के आगे बढ़ने पर नेता प्रतिपक्ष पद भी छोड़ना पड़ सकता है। संभावना है कि अब सरकार विपक्ष पर हावी होने के लिए नई स्टेट्रजी बना कर काम कर रही है और जल्द ही कुछ अहम बिल सरकार संसद में लाएगी और अपने अजेंडा को प्रभावी बनाएगी। मनोज कुमार अग्रवाल

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