गुवा । सारंडा जंगल स्थित किरीबुरु-बड़ाजामदा मुख्य मार्ग से हाथियों को सुरक्षित जंगल में खदेड़ने के लिए पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले से 10 सदस्यीय टीम आई है। इस टीम ने किरीबुरु के रेंजर शंकर भगत एवं किरीबुरु तथा गुवा रेंज के वनकर्मियों व पदाधिकारियों के साथ 24-25 जुलाई की मध्य रात्रि घंटों ऑपरेशन चलाया। टीम सारंडा के मुख्य मार्ग से लेकर घने जंगलों में रात भर हाथियों की तलाश करती रही, लेकिन हाथी नहीं मिले।
ऑपरेशन के दौरान ॐ शांति स्थल से सैडल गेट जाने वाले मुख्य मार्ग के दोनों तरफ जंगलों में कई स्थानों पर हाथियों के छोटे व बडे़ ताजा फूट मार्क आदि मिले। कुछ पेड़ों की पूरी छाल को हाथी खा चुके थे। टीम के सदस्यों ने हाथियों के विभिन्न जंगल रास्ते आने और मुख्य सड़क मार्ग को पार कर दूसरी तरफ जाने के कई स्थानों का पता लगाया। हाथी किस पेड़ के पत्ते अथवा छाल खाये हैं, उनकी जानकारी ली, ताकि आगे के ऑपरेशन के दौरान पता किया जा सके कि हाथियों की पसंद का पेड़ अधिक किन स्थानों व क्षेत्र में है।
पश्चिम बंगाल से आयी टीम व वन विभाग की टीम विशेष प्रकार की बनाई गई मशाल, डीजल, सर्च लाईट, पटाखे आदि से लैस थी। किरीबुरु से सैडल गेट तक लगभग 8 किलोमीटर जंगल में यह ऑपरेशन घंटों चलाया गया। किरीबुरु के रेंजर शंकर भगत ने बताया कि यह आपरेशन हाथियों को भगाने तक इस क्षेत्र में जारी रहेगा।
जहां से भी हाथियों की खबर मिलेगी, ऑपरेशन प्रारम्भ होगा। हाथियों से ग्रामीणों व यात्रियों को बचाना तथा मुख्य मार्ग क्षेत्र से हाथियों को भगा कर आवागमन सुगम बनाना हमारा मुख्य उद्देश्य है। टीम दूसरे क्षेत्रों में हाथी भगाने में व्यस्त थी, इसलिए यहां समय नहीं दे पा रही थी।
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