गुवा । सेल की किरीबुरू-मेघाहातुबुरु प्रबंधन ने हीं खदान के स्थापना काल में किरीबुरू में बाहर से लोगों को अपने उत्पादन कार्य के लिए बसाया। आज जब प्रबंधन का उद्देश्य पुरा हो गया तो यहां बसे लोगों को भगा रहा है। ऐसा किसी भी कीमत पर होने नहीं दिया जाएगा। दोनों प्रबंधनों का गेट अनिश्चितकाल के लिए जाम कर उत्पादन व माल ढुलाई ठप कर दिया जाएगा।
उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने किरीबुरू-मेघाहातुबुरु के दुकानदारों व विभिन्न बस्ती के लोगों की शिकायत सुनने के बाद कहा। उन्होंने कहा कि यहां विभिन्न बस्तियों में रहने वाले लोगों के पूर्वजों को 60 वर्ष पूर्व सेल प्रबंधन ने खदान में काम करने के लिए लाया था। तब यहां के घने जंगल, जंगली जानवरों, मलेरिया, आवागमन व कोई सुविधा नहीं रहने के कारण कोई रहना नहीं चाहता था। लोग भाग जाते थे।
प्रबंधन पकड़-पकड़ लाता एवं किरीबुरू में चटाई आदि का झोपड़ी बनाकर रहने को कहता था। आज वैसे हीं लोगों को प्रबंधन नोटिस देकर जमीन खाली करने बोल रहा है। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज भी सेल की किरीबुरु-मेघाहातुबुरु खदान में लगभग 1700 ठेका मजदूर, सैकड़ों दुकानदार, उनके परिवार एवं बस्ती के लोग दोनों प्रबंधनों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निरंतर सेवा दे रहे हैं। प्रबंधन इनसे सेवा ले रही है लेकिन इन्हें आवास, पानी बिजली जैसी मूलभूत सुविधा नहीं दे रही है।
सेल प्रबंधन मीना बाजार स्थित साप्ताहिक हाट-बाजार हेतु शेड का निर्माण सारंडा के ग्रामीणों के वनोत्पाद व कृषि उत्पाद को बेचने हेतु बनाया था। आज उस बाजार को दुकानदारों को भाडे़ पर आवंटित कर रहा है। जो दुकान आवंटित किया गया है वहां दुकानदार के रहने की कोई व्यवस्था नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सेल प्रबंधन हमारे पिताजी को भी पकड़ कर लाया एवं मजदूरी कराया। सेल प्रबंधन नालायक व गरीबों का शोषक है। प्रबंधन के खिलाफ बडी लड़ाई लड़ी जाएगी।
इसके लिए सभी को अपने-अपने घर से निकलना होगा। सभी जनता को खटिया, बिस्तर लेकर आना होगा ताकि प्रबंधन के कार्यालय में घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन कर सारा कार्य बंद करा दिया जाएगा। दोनों प्रबंधन के सीजीएम से बात करेंगे। अगर प्रबंधन बातचीत से नहीं समझा तो दूसरा तरीका आपलोगों के साथ मिलकर उठाया जाएगा।
अर्थात प्रबंधन के अधिकारियों की अब कुटाई की जरूरत है। प्रबंधन गलत कह रही है कि अतिक्रमण नहीं हटने की वजह से उसको लीज नहीं मिल रहा है। लीज की अनेक प्रक्रिया होती है। पहले भी लीज मिला है। पुलिस फोर्स को लेकर प्रबंधन ग्रामीणों को डर नहीं दिखाए इससे स्थिति और खराब होगी।
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