इस साक्षात्कार में सारंडा के दर्जनों बेरोजगार युवाओं ने भाग लिया था। इन युवाओं को सेल प्रबंधन ने ही आईटीआई का प्रशिक्षण दिलाया था। लेकिन दुःख की बात है कि बहाली में सारंडा के एक भी बेरोजगारों को नौकरी नहीं दी गई। साक्षात्कार के बाद उपायुक्त से लेकर तमाम खदान प्रबंधनों से मिलकर साक्षात्कार देने वाले बेरोजगारों की सूची सौंपी गई थी। सभी जगह से आश्वासन दिया गया था। लेकिन एक को भी नौकरी नहीं मिली। उपस्थित लोगों का कहना था कि सेल प्रबंधन की तमाम खदानें आसपास के गांवों में सिर्फ प्रदूषण फैला रही है, खेतों को बंजर बना रही है, तरह-तरह की बीमारियां दे रही है, लेकिन कोई सुविधा नहीं दे रही है।
चतुर्थ श्रेणी की बहाली में बाहरी लोगों को नौकरी देने का कार्य किया जा रहा है जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब अपने हक व अधिकार के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। प्रबंधन यह बहाली को रद्द करे, क्योंकि इसमें चयनित लोगों को पैसा व पैरवी से नियुक्त किया जा रहा है। सेल का लिज सरकार द्वारा रोका गया है, इसी को क्लियरेंस हेतु विशेष समझौता के तहत यह खेल खेला जा रहा है। इस बैठक में मानकी लागुड़ा देवगम, मुखिया मुन्नी देवगम, बिनोद बारीक, जामदेव चाम्पिया, मसीह चरण तोपनो, डेनिश तोपनो, पिरती सुरीन, बुधराम बहंदा, कुशो देवगम, मनचुडि़या सिद्धू, मनबोध चाम्पिया, सोमा होनहागा, राऊतु चाम्पिया, गुरदीप बहंदा, गाजू होनहागा, रोया सिद्धू, चिंतामणी चाम्पिया, सोमा चाम्पिया, सुखराम हंसदा, बिरसा सुरीन, बुधराम सिद्धू, जानुम सिंह चेरवा, नंदलाल सुरीन, जुरा सिद्धू, रमाय हंसदा, तरण सिंह गागराई (सभी विभिन्न गांवों के मुंडा), पूर्व जिप सदस्य बामिया माझी आदि अन्य शामिल थे।
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