गुवा । सारंडा जंगल में हाथियों की गतिविधियों की खबर के बाद विद्युत विभाग ने तितलीघाट, बहदा गांव समेत बाईहातु गांव स्थित पानी फिल्टर प्लांट का विद्युत आपूर्ति काट दिया। हालांकि वर्षांत के मौसम में दूषित पेयजल छोटानागरा पंचायत के गांवों में सप्लाई नहीं हो इसलिए बाईहातु पानी फिल्टर प्लांट में विद्युत आपूर्ति को 3 अगस्त की देर शाम बहाल कर दिया।
तितलीघाट एवं बहदा गांव में बिजली आपूर्ति अभी भी बंद है। इससे दोनों गांव के ग्रामीण बिजली नहीं रहने से परेशान हैं। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले सुबह में तितलीघाट गांव के समीप कोयना नदी पर बने पुल के बगल से हाथियों का समूह मुख्य सड़क से पार किया था। यह खबर अखबार में छपी थी। इस खबर को देखने के बाद विद्युत विभाग ने उक्त गांवों में बिजली आपूर्ति बंद कर दी थी, ताकि हाथी करंट की चपेट में नहीं आयें।
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली खंभा काफी कम ऊंचाई पर गाड़ा गया है। साथ ही बाईहातु डब्लूटीपी की भी बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी। बिजली कनेक्शन काटने वाले विद्युत विभाग के कर्मचारी धीरज ने बताया कि हाथियों के क्षेत्र में भ्रमणशील होने की खबर के बाद जेई के आदेशानुसार बिजली काट दी गई है, लेकिन बाईहातु डब्लूटीपी का कनेक्शन 3 अगस्त की शाम जोड़ दिया गया है। बाकी उक्त दोनों गांवों में बिजली आपूर्ति अभी भी दो दिनों से बंद है।
छोटानागरा पंचायत की मुखिया मुन्नी देवगम एवं जोजोगुटू के मुंडा कानूराम देवगम ने कहा कि विद्युत विभाग कभी भी बाईहातु स्थित डब्लूटीपी का बिजली नहीं काटे, क्योंकि यहां से छोटानागरा पंचायत के 10 गांवों समेत उसके विभिन्न टोला में शुद्ध पेयजल आपूर्ति होती है। दो दिन बिजली काटे जाने की वजह से डब्लूटीपी नहीं चला, जिससे दूषित लाल पानी की आपूर्ति उक्त गांवों में की गई।
यह मलेरिया प्रभावित जोन है। वर्षांत में दूषित पानी पीकर प्रतिवर्ष कई लोग बीमार होकर मारे जाते हैं। बीते वर्ष भी अनेक ग्रामीण मारे गये थे। सारंडा हाथियों का वास स्थल है। यहां हाथी निरंतर जंगल व गांव क्षेत्रों में भ्रमणशील रहते हैं। ऐसे में वन विभाग ओवरहेड पोल को ऊंचा करे तथा उसमें केबल तार डाले। गांवों की बिजली काटना समस्या का समाधान नहीं है। तितलीघाट क्षेत्र से अब हाथी चले गये हैं। उन गांवों में भी बिजली आपूर्ति बहाल करे।
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