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कछुआ रफ्तार से धीमी जिला उपभोक्ता फोरम की कार्यप्रणाली, The functioning of the District Consumer Forum is slow at the speed of a tortoise


बायोमेट्रिक से नहीं बनती हाजिरी, जवाबदेही किसकी 

जमशेदपुर। जिला उपभोक्ता फोरम की कार्य प्रणाली की रफ्तार कछुआ चाल से भी धीमी है। नतीजा है कि यहां वाद की सुनवाई कभी कोरम के अभाव में टल जाती है तो कभी चेयरमैन की अनुपस्थिति राहत की बांट जोह रहे उपभोक्ताओं पर कहर ढाती है। पिछले जुलाई महीने खत्म हो गया और अगस्त माह के 10 दिन बीत चुके हैं। इन 40 दिनों में किसी एक भी उपभोक्तावाद का निष्पादन नहीं हुआ है।

ऐसा नहीं है कि सरकार की ओर से किसी प्रकार की कमी स्टाफ अथवा आधारभूत संरचना को लेकर है। इस फोरम में स्टाफ भी पूरे हैं। जिस उत्साह के साथ प्रतिदिन कार्यदिवस की शुरुआत होती है वह एक आधे घंटे में ही फुर्र हो जाती है। यहां जल्द से जल्द राहत पाने की उम्मीद में फोरम की शरण लेने वाले उपभोक्ता की स्थिति चौराहे पर खड़े व्यक्ति जैसी हो जाती है।

पूर्व न्यायाधीश विधान चंद्र चौधरी चेयरमैन तथा सदस्य के रूप में अर्पणा कुमारी मिश्रा एवं पूर्व अभियोजन पदाधिकारी श्याम कुमार महतो कार्यरत हैं। यहां आलम यह है कि चेयरमैन कब आएंगे और सुनवाई करेंगे इसकी जानकारी ना तो सदस्य को होती है नाही स्टॉफ को।

 सदस्य अर्पणा मिश्रा एवं श्याम कुमार महतो कार्रवाई करते हैं परंतु उन्हें यह अधिकार नहीं है कि किसी मामले मैं अपना फैसला दे सकें। ऐसी स्थिति में सहज ही अंदाजा लगाया जा लगाया जा सकता है कि उपभोक्ताओं को कैसे राहत मिलेगा?

हां, भले ही मामले का निष्पादन नहीं होता है परंतु स्टाफ किसी को निराश नहीं करते हैं। अधिवक्ता अथवा व्यक्तिगत स्तर से वाद दाखिल कराया जा रहे हैं और इस मामले में स्टाफ के द्वारा उन्हें उचित राय भी दी जाती है। लेकिन अध्यक्ष की अनुपस्थिति का असर साफ दिखता है।

उपभोक्ता मामले के जानकार अधिवक्ता ओपी तिवारी के अनुसार पहली बार फोरम को विधिक मामलों के जानकार चेयरमैन एवं सदस्य के रूप में मिले हैं। यदि यह इमानदारी से अपनी जवाबदेही, जिम्मेदारी का निर्वहन करें तो यहां मामलों का निष्पादन बहुत तेजी से होगा। उनके अनुसार चेयरमैन एवं सदस्य श्याम कुमार महतो के अलावा सदस्य अर्पणा मिश्रा अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस करती रही है। यह दुर्भाग्य जनक है कि उनके अनुभव का लाभ उपभोक्ताओं को अपेक्षा के अनुसार नहीं मिल रहा है।

अधिवक्ता कुलविंदर सिंह के अनुसार इस फोरम में बायोमेट्रिक से हाजिरी बनाई जानी चाहिए। जिससे फोरम की कार्यशैली में तेजी आए और इसका लाभ राहत की उम्मीद रखने वाले उपभोक्ताओं को मिल सके।

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