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डीबीएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन में स्वतंत्रता दिवस समारोह संपन्न, Independence Day celebrations concluded at DBMS College of Education,


जमशेदपुर। 
डीबीएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन में स्वतंत्रता दिवस का समारोह बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। इस समारोह  की मुख्य अतिथि  के. एस.एम.एस. स्कूल की  प्राचार्या श्रीमती नंदनी शुक्ला थीं। समारोह में महाविद्यालय की डी.बी.एम.एस. ट्रस्ट के अध्यक्ष बी. चंद्रशेखर ,सचिव श्रीमती श्रीप्रिया धर्मराजन, संयुक्त सचिव ,श्रीमती उषा रामनाथन, श्रीमती तमिल सेल्वी बालाकृष्णन, सचिव गर्वनिंग बॉडी सतीश कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष विवेक धर्मराजन, प्राचार्य डॉक्टर जूही समर्पिता, उप प्राचार्या डॉ. मोनिका उप्पल ,कॉलेज प्रबंधन  के सभी  सदस्य ,शिक्षक --शिक्षिकाएं कर्मचारी और बी.एड.के दोनों सत्रों के छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं। 


सभा के आरंभ में स्वागत भाषण कॉलेज की छात्रा अरुणा  बा ने  प्रस्तुत किया तथा मुख्य अतिथि का परिचय भी कराया।  झंडोतोलन के के पश्चात राष्ट्रगीत जनगन मन और ‘जयतु जननी जन्मभूमि’ गीत महाविद्यालय की संगीत शिक्षिका श्रीमती अमृता चौधरी और छात्राएं सुष्मिता दत्ता, दीक्षा सिंह, अनु सोनी, फुलमनी तिर्की, जाह्नवी प्रमाणिक और संध्या प्रमाणिक ने प्रस्तुत किया।  

हिंदी में संबोधन छात्रा सौम्या ने प्रस्तुत किया और कहा कि आज देश 77वां स्वतत्रंता दिवस मना रहा है। जिसमें हम छात्रों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बढ़ जाती है। वहीं अंग्रेजी का संबोधन शैलजा के द्वारा प्रस्तुत किया गया। उसने भावी पीढ़ी के दायित्व को रेखांकित किया तथा और कहा कि भारत को श्रेष्ठ राष्ट्र बनाने में हमारी महती भूमिका बनती है।| रोट्रेक्ट क्लब के द्वारा तीन परिंदों को आजाद किया गया।

जिसमें मॉडरेटर श्रीमती अंजली गणेशन और रोट्रेक्ट की सदस्या छात्राएं उपस्थित थीं। अपने संबोधन में उन्होंने भारतीय स्वत्रंता का महत्व बतलाया तथा भावी शिक्षकों की भूमिका को रेखांकित किया।  इस अवसर पर कॉलेज की सभी शिक्षिकाएं और कर्मचारियों की उपस्थिति थी। मुख्य अतिथि के रुप में श्रीमती शुक्ला ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस का अर्थ सीमा पर सुरक्षा प्रहरी होना मात्र नहीं है, बल्कि हम व्यक्तिगत रूप से देश की सेवा इस रूप में कर सकते हैं कि आसपास सफाई का ध्यान रखें।

सुरक्षा का ध्यान रखें और लोगों की सेवा का ध्यान रखें। उन्होंने तिरंगा झंडा के तीनों रंगों का अर्थ बताया तथा अशोक चक्र के चौबीस रेखाओं को चौबीस घंटे देश की सेवा करने के लिए अर्पित होने का अर्थ बताया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन छात्रा अंकिता कुमारी ने किया।

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