दोनों नेताओं ने कहा कि सारंडा के प्रभावित गांवों के ग्रामीण व बेरोजगारों ने अपने-अपने क्षेत्र की तमाम खदान प्रबंधनों को खदान खुलने से पूर्व की लोक सुनवाई, ग्राम सभा, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से संबंधित ग्राम सभा आदि तमाम जटिल कार्यवाही में अपना पूरा समर्थन देकर खदान खुलवाने का कार्य इस उद्देश्य के साथ किया की इसके खुलने से यहां के लोगों को नौकरी व रोजगार मिलेगा।
लेकिन नौकरी देने की बात होती है तो वह बाहरी को दे रही है। यह भारी विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि सोमवार को जगन्नाथपुर में एसडीओ की अध्यक्षता में इसके समाधान के लिए बैठक है। अगर बैठक बेनतीजा निकलता है तो 29 अगस्त से जारी आर्थिक नाकेबंदी में हमारा यूनियन भी सारंडा के लोगों व आंदोलनकारियों के साथ रहेगी।
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