पहले ग्रुप की विजेता जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की एम.एड.की छात्रा पल्लवी श्री थीं। इनकी कहानी का शीर्षक था”इन्तज़ार “। पल्लवी श्री ने बताया कि अब तक वे स्वान्तः सुखाय के लिए लिखती थीं। पहली बार उन्होंने ऐसे प्रतियोगिता में भाग लिया और उसका इतना सुखद परिणाम होगा उन्होंने सोचा भी नहीं था। सायरन बजाती मंत्रियों की गाड़ियों को वे आश्चर्य से देखती थीं,पर कभी केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुण्डा के हाथों सम्मानित होंगी यह कल्पना से परे था। ऐसा सम्मान पाकर वे गौरवान्वित अनुभव कर रही हैं। पल्लवी श्री को सहयोग संस्था की ओर से 11,000/हजार का चेक,सम्मान पत्र,एवं उत्तरीय देकर सम्मानित किया गया था ।
दूसरे ग्रुप की विजेता श्रीमती सुमेधा पाठक थीं। पटना की रहने वाली एक स्थापित कथाकार हैं। इनकी कहानी “प्रायश्चित “ थी।इनको भी 11,000/हज़ार का चेक,सम्मान पत्र, एवं उत्तरीय से माननीय केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुण्डा ने सम्मानित किया।
संग में डॉ. मीरा मुण्डा एवं डॉ. वीणा रानी श्रीवास्तव न्यास की अध्यक्षा डॉ.किरण घई जी भी उपस्थित थीं।बहुभाषीय संस्था सहयोग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया हुआ था, जिसमे पैंतीस से पचास और दूसरे ग्रूप में पचास से ऊपर आयु की लगभग पैसठ कहानियां विभिन्न राज्यों से आईं । इस प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में जमशेदपुर के कथाकार डाॅ सी भास्कर राव, पटना से प्रोफेसर किरण घई और दिल्ली से साहित्यकार अचला गर्ग को रखा गया था सहयोग संस्था की तरफ से विजेताओं को 11000 रूपये की पुरस्कार राशि देने की घोषणा अध्यक्ष डाॅ मुदिता चंद्रा ने कर रखी थी ।
कल इस भव्य आयोजन की सफलता का श्रेय अध्यक्ष mudita चंद्र ने सहयोग के प्रत्येक सदस्य को दिया. उन्होंने प्रबुद्ध श्रोताओं का भी आभार किया। जिन्होंने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। नगर के गण्यमान्य नागरिक और वरिष्ठ साहित्यकार के बीच सम्मानित होने वाली महिला कथाकारों को देख नयी पीढ़ी उर्जस्विट और प्रेरित हुयी।
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