गुवा । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुवा गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि आदिवासी व मूलवासी समाज के लिये हमारे पूर्वजों ने इतनी लाठी व गोली खाई की झारखंड का हर चौक-चौराहा शहीद स्थल से पटा है। अपने बच्चों व झारखंड के भविष्य के लिये अपनी शहादत दी। उनकी शहादत की वजह से आज हम यहां जिंदा हैं। पूर्वजों की लड़ाई को हमारे भाइयों ने जारी रखा तभी अलग राज्य मिला। जब अविभाजित बिहार में हम थे तब बिहार सरकार की नजर विकास मामले में यहां तक नहीं जाती थी।
आज भी हमारे सामने कई चुनौतियां खड़ी हैं। आदिवासी, दलित, गरीब का सदियों से लोग शोषण करते आ रहे थे, क्योंकि हम शिक्षित, आर्थिक रुप से मजबूत नहीं थे। सिर्फ ताकत थी, लेकिन आज हम सभी क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। हमारी सरकार के बनने के दूसरे दिन से विपक्षी सरकार को गिराने के प्रयास में लग गई। कोरोना काल ने हमें परेशान किया। उसके बावजूद बीते तीन वर्षों में विकास की नयी रेखा खीची है। शहीद परिवार के लोग पहले गुमनाम जीवन जी रहे थे, लेकिन हमने कहा था कि जब तक हम शहीदों के परिवार को सम्मान नहीं देंगे, तब तक गुवा नहीं आयेंगे।

हमने सभी को नौकरी दी। शिबु सोरेन कहते हैं कि आप अपने बच्चों को पढ़ाओ। झारखंड में खेती की स्थिति ठीक नहीं है। कहीं सुखाड़ तो कहीं कम वर्षा होती है। हम बेहतर शिक्षा के लिये सीबीएसई की तर्ज पर स्कूल बना रहे हैं। यहां प्राइवेट स्कूल से बेहतर सरकारी स्कूल खोले जायेंगे। सरकार ने कानून बना दिया है कि अब बच्चों को उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक मदद राज्य सरकार देगी। हम अपने गरीब बच्चों को पढ़ने विदेश में भेज रहे हैं। मंजू पूर्ति, मधुमिता मुंडा, स्तुति जैसी इस क्षेत्र की बच्ची को अमेरिका में पढ़ने भेजा गया है।
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छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में पैसा बाधक नहीं बनेगा। मानकी-मुंडा आदि ही हमारे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री हैं। हेमंत सोरेन ने कहा कि समाज की अगुवाई करने वाले मानकी-मुंडाओं को बाइक देने का शुभारम्भ गुवा की धरती से कर रहे हैं। झारखंड में पहले डबल इंजन की सरकार दोनों हाथों से लूट रही थी, लेकिन एक इंजन की सरकार को उखाड़ फेंका गया। सरकार ने अबुआ आवास बनाकर झारखंड के बेघरों को घर देगी। भाजपा ने 20 सालों में जो गंदगी फैलाई है वह तीन वर्ष में साफ थोडे़ होगा। कोरोना में हम अपने मजदूर भाइयों को हवाई जहाज से ढोकर उनके घर पहुंचाये। झारखण्ड में गरीबी अभिशाप है।

इस गरीबी से लोगों को बाहर निकालने के लिये अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। हमने नौकरी देने के लिये बहाली निकाली लेकिन न्यायालय के माध्यम से यह नौकरी रोकने का काम किया। हम जल्द ही 20-25 हजार पदों के लिए बहाली निकालेंगे। हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा सरकार मुझे भी जेल भेजने की निरंतर साजिश रच रही है। हमारे विरोधी दो आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन पांच साल तक भी टिकने नहीं दिया। हमने ऐसा कानून बनाया है कि 40 हजार से कम वेतन वाले नौकरी में स्थानीय बेरोजगारों को ही नौकरी देनी होगी। सरायकेला-खरसावां में हमने 10-12 हजार बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र बांटा। आप एक साथ मिलकर रहें, आपकी सभी समस्याओं का समाधान होगा। खुले बाजार से हम चावल खरीद कर राशन कार्डधारकों को बांट रहे हैं। गैस सिलेंडर हमारे समय 500 था जो 1200 किया गया। चुनाव आया तो 200 रुपये घटा दिया गया।
अगर गरीबों के हित में कार्य करना घोटाला है तो ऐसे घोटाला हमेशा और हर रोज करेंगे। हमारी सरकार ने इस बार आदिवासी दिवस मनाने का कार्य किया। मंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि पहले जब एक वर्ष के लिये हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने तो गुवा के शहीदों के परिजन को नौकरी देने का कार्य किये। आदिवासियों की परम्परा व मानकी-मुंडाओं की प्रथा को आज तक कोई ताकत समाप्त नहीं कर सकी। भाजपा 18-20 साल में जो कार्य नहीं कर पायी वह डेढ़ -दो वर्षों में हेमंत सोरेन ने विकास कार्य कर दिखाया। केन्द्र सरकार अब वन अधिनियम में संशोधन कर यहां के जंगलों पर अधिकार जताना चाह रही है। केन्द्र सरकार की यह मंशा कभी सफल नहीं होने दिया जायेगा। मंत्री जोबा माझी ने कहा कि गुवा के शहीदों ने अपने हक व अधिकार की लड़ाई में शहादत दी थी। उन शहीद परिवारों को हेमंत सोरेन की सरकार ने सम्मानित करने का कार्य किया। राज, समाज व अपना जमीन को बचाना है तो हमें एक रास्ता, शिबु सोरेन व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बताये रास्ते पर चलना होगा। वर्तमान सरकार को गिराने हेतु अनेक ताकतें तरह-तरह के प्रयास कर रही है, लेकिन सफल नहीं हो रही है।
सेल प्रबंधन द्वारा सारंडा के लोगों पर अत्याचार नहीं होने दिया जायेगा। सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने गुवा गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुये कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में डुमरी उप चुनाव जीतने के लिये हेमंत को बधाई है। उन्होंने कहा कि हमारे वीर साथियों की शहादत से अलग झारखंड राज्य मिला। लेकिन आज भी सारंडा, कोल्हान व पोड़ाहाट व लौहांचल के ग्रामीणों, युवाओं की अनेक पीड़ा है। जंगल में रहने वाले लोगों को वन पट्टा आज तक नहीं मिला। इससे उन्हें तमाम प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सारंडा के 10 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिया जाये। समारोह को चाईबासा के विधायक दीपक बिरुवा, खरसावां के विधायक दशरथ गागराई, जगन्नाथपुर के विधायक सोनाराम सिंकु, मझगांव के विधायक निरल पूर्ति ने समारोह को संबोधित किया।
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