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बिना परमिट ओड़िशा से आता है हाईवा से बालू, जांच हुई तो कई वाहन होंगे जब्त, Sand comes from highway from Odisha without permit, if investigation is done many vehicles will be seized



चाईबासा। ओड़िशा के बालू का चालान दिखाकर हाईवा से बालू झारखंड लाया जाता है, लेकिन अधिकांश हाइवा के पास ओड़िशा का परमिट ही नहीं है, लेकिन इसकी जांच कभी भी नहीं होती है। जिस कारण बालू माफिया खुलेआम बालू की तस्करी करने के साथ ही परिवहन विभाग और सरकार को भी चूना लगा रहे हैं। जानकारी के अनुसार चक्रधरपुर से रोजाना दो दर्जन से अधिक हाइवा ओड़िशा के बिश्रा थानांतर्गत तेतरकेला और कुंडापोस से बालू लेकर आते हैं, लेकिन किसी भी हाइवा का परमिट ओड़िशा का नहीं है। व्यापारिक वाहनों को दूसरे राज्यों में प्रवेश के लिए उसे उस राज्य के परमिट की आवश्यकता होती है, लेकिन ओड़िशा से बालू लाने वाले अधिकांश हाइवा का ओड़िशा का परमिट नहीं है। इसकी पूरी जांच हो जाए तो कई वाहन जब्त होंगे, लेकिन किसी भी स्तर पर इसकी जांच नहीं होती है। जिस कारण बालू माफिया धड़ल्ले से बालू की तस्करी खुलेआम करते हैं।


नहीं थम रहा बालू का अवैध उठाव व बिक्री का कारोबार : झारखंड में एनजीटी की रोक के बावजूद पश्चिमी सिंहभूम जिला में बालू के अवैध उठाव और उसकी बिक्री करने का काम थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसका ताजा उदाहरण पोड़ाहाट अनुमंडल मुख्यालय में कभी भी देखा जा सकता है। इसके रोकथाम के लिए उपायुक्त अनन्य मित्तल ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों और अंचलाधिकारियों को सक्षम अधिकारी घोषित करते हुए नदियों से बालू के हो रहे अवैध उठाव को रोकने, बालू लदे वाहनों की लगातार जांच करने, बिना परमिट वाले बालू लदे वाहनों को जब्त करने और वाहन मालिकों और चालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था। लेकिन कई ऐसे अंचलाधिकारी है जो बालू के वाहनों की जांच करने से कतरा रहे हैं। पुलिस भी अवैध बालू के उठाव करने वालों पर लगाम लगाने में रुचि नहीं ले रही है। 


नतीजतन सरकारी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। हालांकि चक्रधरपुर के एसडीओ रीना हांसदा द्वारा बुधवार की रात तीन बालू लदा हाईवा जब्त किया है। हालांकि चालक द्वारा बालू का उड़ीसा का चालान दिखाया है जिसकी जांच चल रही हैं, लेकिन बताया जाता है कि इधर वर्तमान में रोजाना गुदड़ी और गोइलकेरा से आधी रात से अहले सुबह तक बालू लदे वाहन चक्रधरपुर तक आते हैं, लेकिन कहीं भी कोई धड़ पकड़ नहीं होती है, जबकि झारखंड में पूरी तरह बालू का नदी से उठाव पर रोक लगा हुआ है।

चक्रधरपुर प्रखंड में नदियों से बालू लाने वाले तस्कर सक्रिय हैं। इसमें ट्रैक्टर और डंपर और हाईबा का उपयोग किया जा रहा है। पुलिस शिकंजा नहीं कस रही है। अंचलाधिकारी भी उपायुक्त के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं। खनन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने से बालू माफियाओं का हौसला बुलंद है। पूर्व में जिस तरह से कार्रवाई होती थी वह पूरी तरह थम गया है इससे बालू तस्कर अवैध कारोबार करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

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