अव्यवस्थित और व्यस्त जीवन शैली मानसिक अस्वस्थता का कारण : ज़िला जज
चक्रधरपुर। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर सदर अस्पताल में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए पीडीजे सह अध्यक्ष डीएलएसए विश्वनाथ शुक्ला ने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि व्यस्त और अव्यवस्थित दिनचर्या के कारण लोगों में मानसिक चेतना की कमी आई है। मोबाइल फोन ने रही सही कसर पूरी कर दी, जबकि लोग अपने आप को व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में बेहद उलझे हुए पाते हैं।मशीनी जिन्दगी मानव पर हावी हो गईं हैं।
उन्होने इससे संबंधित कानूनो के बारे में भी विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की और प्राधिकार की ओर से प्रदान की जा रही सुविधाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए अपील भी की है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने उपस्थित लोगों को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर संबोधित करते हुए बताया कि जैसा कि हम सभी जानते हैं। एक व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य एक स्वस्थ समाज और राष्ट्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक अच्छा और संतुलित जीवन पाने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से अच्छे स्वास्थ्य का होना अनिवार्य है।
हाल की अभूतपूर्व वैश्विक घटनाओं जैसे कि कोविड महामारी और युद्धों ने मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक वैश्विक संकट ला दिया है, जिससे दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। जिस पर निश्चित रूप से दुनिया भर के संगठनों और नीति निर्माताओं के ध्यान और सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है, ताकि उपचार के अंतर और आवश्यक सुविधाओं से लड़ने में मदद मिल सके। मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन करें।
इस अवसर पर सीएस डा साहिल पॉल, ड्प्यूटी सीएस डा ए एन डे, कोल्हान विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ भाग्यश्री और डा रजक सहित अन्य लोगों ने भी सभा को संबोधित किया। मंच का संचालन अविनाश मिश्रा ने किया। कार्यक्रम के सफल संचालन में डीएलएसए के सहायक खगेंद्र महतो, अमित कुमार, पी एल वी सोमा बोस, रेणु देवी, नीतू सार, अरुण विश्वकर्मा , रविकांत ठाकुर, संजय निषाद, मनीषा गुप्ता, रत्ना चक्रवर्ती आदि ने मुख्य भूमिका निभाई। उपरोक्त जानकारी प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने दी।
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