चक्रधरपुर। बारिश के कारण चक्रधरपुर प्रखंड के जामिद पंचायत अंतर्गत मेरमेरा गांव में आठ लोगों का मिट्टी से बना कच्चा मकान गिर गया है। जिससे लोगों पर पहाड़ टूट पड़ा है. गरीब जनता सरकारी मुआवजा पर निर्भर है। लेकिन घटना के 24 घंटा बाद भी गरीब जनता के पास सरकारी अधिकारी नहीं पहुंच पाए। जिससे गरीब जनता परेशान है। बारिश के बाद मिट्टी से टूटे घर से लोग बेघर हो गए हैं और दूसरे के घरों में शरण लिए हुए हैं। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पूर्व विधायक शशि भूषण सामाड को दी। गुरुवार को पूर्व विधायक शशि भूषण सामड ने पीड़ित परिवारों से मिलने मेरमेरा गांव पहुंचे। जहां उन्होंने देखा कि कई गरीब लोगों का घर गिर गया है। जिससे लोगों के समझ परेशानी उत्पन्न हो गई है।
इसके बाद पूर्व विधायक श्री सामड ने गांव के आदिवासी टोला निवासी पीड़ित घनश्याम बोदरा को राशन सामग्री उपलब्ध कराई। मेरमेरा गांव में घनश्याम तियू, घनश्याम बोदरा, रानी बोदरा, गुरेशपति नामक, चंपा नायक, गोविंद नायक, भिखारी नायक, मिनी नायक का मिट्टी से बना कच्चा मकान गिर गया है। इस संबंध में पूर्व विधायक श्री सामड ने कहा कि पिछले चार दिनों से लगातार हुई बारिश के कारण चक्रधरपुर प्रखंड में दो दर्जन से अधिक लोगों का घर गिर गया है। मेरमेरा गांव में आठ, पोटका में नौ, कुदलीबाड़ी में चार, जामिद में एक समेत कई गांव में घर गिरने की सूचना प्राप्त हुई है।
सभी को सरकार से मुआवजा दिलाने को लेकर उपयोग से मुलाकात कर पत्र सौंपा जाएगा, ताकि पीड़ित परिवारों को आपदा प्रबंधन से यथाशीघ्र मुआवजा एवं पक्का मकान के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर उपायुक्त से वार्ता हो चुकी है। इस मौके पर ग्रामीण मुंडा मंगल सिंह तियू, घनश्याम पूर्ति, विजंत पूर्ति, रायसिंह बोदरा, मोईका बोदरा, जगदीश बोदरा, प्रधान बोदरा, लक्ष्मण बोदरा, डेनियल बोदरा आदि ग्रामीण मौजूद थे।
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