चक्रधरपुर। उत्कल सम्मेलनी पश्चिमी सिंहभूम द्वारा सोमवार को चक्रधरपुर शहर के कुसुमकुंज स्थित उत्कलमणि विद्या मंदिर ओड़िया उच्च विद्यालय उत्कलमणि पंडित गोपाबंधु दास की जयंती मनाया गया। इस अवसर पर उत्कलमणि पंडित गोपाबंधु दास की प्रतिमा में पुष्प अर्पित कर ओड़िया समाज के लोगों द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। वहीं बंदे उत्कल जननी गाना प्रस्तुत किया गया। गोपाबंधु दास के जीवनी पर आधारित निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें पश्चिमी सिंहभूम जिला के ओड़िया प्राथमिक विद्यालय देवगांव के छात्रा सिल्की प्रधान प्रथम, मध्य विद्यालय जारकी के पुनम प्रजापति द्वितीय एवं आदर्श मध्य विद्यालय देवगांव के रीमा कैवत तृतीय स्थान प्राप्त की।
सभी सफल प्रतिभागियों को मोमेंटो एवं महापुरुषों के जीवनी पर आधारित पुस्तक देखकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि उत्कलमणि विद्या मंदिर ओड़िया उच्च विद्यालय चक्रधरपुर के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ नागेश्वर प्रधान ने कहा गोपाबंधु दास राष्टपिता महात्मा गांधी और लाला लाजपत राय के सहयोगी थे। वो देश का एक सच्चे स्वाधीनता संग्रामी थे. केरा के राजा ठाकुर लक्ष्मी नारायण सिंहदेव के अनुरोध पर गोपाबंधु दास प्रथम केरा गांव आये थे।
केरा गांव में प्रथम ओड़िया विद्यालय का स्थापना करके सिंहभूम में सैकड़ों ओड़िया विद्यालय स्थापित कराए थे। मुख्य वक्ता उत्कल सम्मिलनी के जिलाध्यक्ष प्रदीप्त कुमार दास ने कहा कि उत्कलमणि गोपाबंधु दास उत्कल सम्मिलनी के केंद्रीय अध्यक्ष थे। वो हजारीबाग जेल में रहकर काफी ओड़िया पुस्तकें लिखें थे। उत्कल सम्मेलनी के प्रयास से झारखंड में ओडिया भाषा आज जीवित है। सम्मानित अतिथि पंडित दुर्गा चरण कर साहित्य संसद केरा के संरक्षक सत्यप्रकाश कर ने कहा कि गोपाबंधु दास जी के कर्म भुमि सिंहभूम जिला था। हम सभी का दायित्व है कि हम सभी लोगों मिल कर ओड़िया भाषा साहित्य का विकास कराएंगे।
वहीं उपस्थित अतिथि केदारनाथ प्रधान, गोपीनाथ दास, उत्कल सम्मिलनी के महासचिव अम्बिका चरण दिक्षित, पूर्व जिला अध्यक्ष सरोज कुमार प्रधान, पूर्व सचिव पीके नंदा, प्रधान शिक्षक सुशांत मोहंती, आरती सारंगी, संगीता मोहन्ती, बृन्दावती प्रधान, कुनी बारीक, दीप्तिलता गिरि, अंगुरबाला प्रधान, पुष्पलता मंडल, रामेश प्रधान , बसन्त प्रधान, संतोष कुम्भकार समेत काफी संख्या में ओड़िया समाज के लोग मौजूद थे।
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