आदिवासियों के लिए मददगार साबित होगा यह मंच : मौके पर मौजूद मुख्य अतिथि केन्द्रीय अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह मंच आदिवासी जनजाति को देश भर में एक नई दिशा देने का कार्य करेगा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मंच की शुरुआत की थी। देश भर के आदिवासी आज हर मंच पर अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं। उन्होंने कहा की देश के कोने–कोने से आदिवासियों को अवसर दिया जा रहा है। इसके माध्यम से देश भर के विभिन्न क्षेत्रों के उत्पाद को पेश किया जा रहा है। झारखंड में लाह का उत्पादन झारखंड में बड़ी संख्या में होता है। इसे भी एक नई दिशा देने का प्रयास किया जा रहा है। इस महोत्सव में लोग आदिवासी हस्तशिल्प की खरीददारी और आदिवासी व्यंजन का आनंद भी उठा पाएंगे। इसमें आदिवासियों की कला का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। यहां उत्पाद और कला-संस्कृति का प्रदर्शन होगा।
महोत्सव में होंगे 150 स्टॉल : इस महोत्सव में 150 से ज्यादा स्टॉल लगाए जाएंगे, जिसमें 336 जनजातीय कारीगर और कलाकार भाग लेंगे। इनमें हैंडीक्राफ्ट के 100 स्टॉल, ट्राइबल फूड के 20 स्टॉल और केंद्रीय मंत्रालय के 30 स्टॉल होंगे। जिसमें मंत्रालय से जुड़ी बातों को लोगों तक पहुंचाया जाएगा। इस महोत्सव में लोग जो भी वस्तू खरीदेंगे उसका लाभ सीधा आदिवासियों को जाएगा। महोत्सव में किसी तरह की एंट्री फीस नहीं ली जाएगी।
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