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कोयना नदी पर पुल नहीं बनने से ग्रामीण नाराज, चुनाव बहिष्कार करने की घोषणा की, Villagers angry over non-construction of bridge over Koyna river, announce election boycott



गुवा
। नक्सल प्रभावित सारंडा के गंगदा पंचायत का सबसे सुदूरवर्ती गांव लेम्ब्रे के ग्रामीणों ने पुल नहीं तो वोट बहिष्कार का ऐलान किया है। 8 अक्टूबर को उपायुक्त के निर्देश पर लेम्ब्रे गांव में मुंडा लेबेया देवगम की अध्यक्षता में गांव के विकास को लेकर ग्राम सभा आयोजित हुई थी। इस बैठक में सर्वसम्मति से मुख्य सड़क से लेम्ब्रे गांव तक जाने के लिए कोयना नदी पर पुल का निर्माण, गांव में पीसीसी सड़क, स्कूल की चहारदीवारी, शुद्ध पेयजल आदि की व्यवस्था का प्रस्ताव पारित किया गया। 

गांव के मुंडा लेबेया देवगम ने बताया कि उनके गांव से जिला, प्रखंड, पंचायत मुख्यालय, थाना, अस्पताल आदि को जोड़ने में सबसे बड़ी बाधक बनी कोयना नदी पर अगर पुल का निर्माण चुनाव से पूर्व नहीं हुआ तो गांव का एक भी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने मतदान केन्द्र पर नहीं जाएंगे। मुंडा ने कहा कि बीते दिनों गर्मी में जब नदी का पानी काफी कम था तो सांसद गीता कोड़ा पहली बार वाहन से नदी पार करके उनके गांव पहुंची थी। 

उन्होंने नदी पर पुल बनाए जाने का आश्वासन दिया था। उसके बाद विभागीय अधिकारी सर्वेक्षण के लिए भी आये थे। मामला कितना आगे बढ़ा वह मालूम नहीं। उन्होंने कहा कि बारिश के दिनों में उनका गांव टापू में तब्दील हो जाता है। कोई बीमार हो जाए या सांप आदि काट ले तो इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जा सकते हैं। ऐसे में मरीज गांव में ही दम तोड़ देता है। यह समस्या सबसे बड़ी व मुख्य समस्या है। पंचायत चुनाव के बाद से मुखिया राजू सांडिल कभी भी लेम्ब्रे गांव नहीं आए और न ही कभी ग्राम सभा में शामिल हुए। 

पंचायत की कोई भी योजना इस गांव में संचालित नहीं हो रही है। ग्रामीणों को किसी राजनीतिक नेताओं से कोई नाराजगी नहीं है, लेकिन जबतक कोयना नदी पर पुल नहीं बनेगा तब तक ग्रामीण हर चुनाव में वोट बहिष्कार करेंगे। इस बैठक में दुला चाम्पिया, चरण सिंह चाम्पिया, कानु चाम्पिया, मान सिंह चाम्पिया, उगीराम चाम्पिया, कांडे देवगम, जुनेया अंगारिया, बुधु चाम्पिया, बेसरा चाम्पिया, मोटाय चाम्पिया, सोमबारी चाम्पिया आदि ग्रामीण मौजूद थे।

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