जमशेदपुर। बुधवार गंगा रिजेंसी साकची स्थित जमशेदपुर टीम के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मंच साहित्योदय, 'कृष्णायन' महाकाव्य को लेकर गोष्ठी आयोजित की गई है। जिसमें सरस्वती वंदना रीना सिन्हा द्वारा सुमधुर स्वर में प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात अध्यक्ष पद्मा प्रसाद के मुखारविंद से स्वागत भाषण दिया गया। सुंदर संचालन निवेदिता श्रीवास्तव द्वारा कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया। कार्यक्रम का मुख्य विषय वृंदावन में होने वाले कृष्णायन महाकाव्य था जिसमें देश भर से सैकड़ों साहित्यकार होंगे शामिल।
1-2 दिसंबर को वात्सल्य ग्राम में होगा कृष्णायन साहित्योसव का आयोजन : 1 से 3 दिसंबर को देशभर के रचनाकारों का वृंदावन में महाकुंभ होगा। साहित्योदय द्वारा वात्सल्य ग्राम में दो दिवसीय श्री बाॅंके बिहारी अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव' कृष्णायन' का आयोजन किया जाएगा। जिसका उद्घाटन वात्सल्य ग्राम की अधिष्ठात्री और प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु दीदी माॅं साध्वी ऋतम्भरा जी करेंगी, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा करेंगे। स्वागताध्यक्ष बुद्धिनाथ मिश्र होंगे, जबकि पूरे कार्यक्रम के संयोजन साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम करेंगे।
तीन दिवसीय साहित्योदय साहित्योदय के उद्घाटन सत्र में 1 दिसंबर को कृष्णायन सहित अन्य पुस्तकों का विमोचन होगा। फिर देश-विदेश से आए हुए करीब डेढ़ सौ कवियों द्वारा 11 घंटे से अधिक समय तक काव्यार्चन किया जाएगा। संध्या बेला में नृत्य संगीत कार्यक्रम व विशेष आमंत्रित कवियों द्वारा काव्य पाठ होगा। जिसमें डाॅ बुद्धिनाथ मिश्र के अलावा डाॅ विष्णु शक्सेना, डाॅ सोम ठाकुर, अजय अंजाम, बेबाक जौनपुरी समेत कई मूर्धन्य हस्ताक्षर शामिल होंगे।
दूसरे दिन हिंदी और सनातन साहित्य संस्कृति के उत्थान पर कार्यशाला के बाद सभी रचनाकारों को सम्मानित किया जाएगा। तीसरे दिन सभी रचनाकारों को ब्रजभूमि दर्शन भ्रमण का कार्यक्रम है। राधा और कृष्ण के सम्पूर्ण जीवन पर आधारित साझा महाकाव्य ग्रंथ कृष्णायन को लंदन बुक और वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकार्ड में शामिल किया जाएगा। राधा कृष्ण के अवतार को देश-विदेश के करीब 200 रचनाकारों से प्रसंग आधारित शोधपरक काव्य सृजन और सम्पादन के लिए यह सम्मान कृष्णायन के मुख्य संपादक साहित्योदय के, संस्थापक, अध्यक्ष कवि पंकज प्रियम को दिया जाएगा।
पंकज प्रियम जी ने' कृष्णायन 'महाकाव्य को लेकर अपने वक्तव्य में बताया कि राधा और कृष्ण की सम्पूर्ण जानकारी को काव्य रूप में एक जगह संकलित करना बहुत कठिन कार्य था। अलग-अलग ग्रंथ और पुराणों में चीजें बिखरी हुई सी लगती हैं कहीं कुछ तो कहीं कुछ छुटा हुआ सा प्रतीत होता है। ऐसे में देश-विदेश के रचनाकारों को प्रसंग आवंटित कर लिखवाना ' संकलन 'और संपादन आसान नहीं था, लेकिन पिछले एक वर्ष की कठिन तपस्या और सभी के सहयोग से यह सम्भव हो पाया है।
उम्मीद है कि जन रामायण की भाॅंति 'कृष्णायन ' भी घर में लोकप्रिय होगा। राधा कृष्ण की पावन लोककथा को 18 भागों में बाॅंटकर 178 प्रसंगों में करीब एक हजार पृष्ठों में दो खण्ड में प्रकाशित किया गया है। जमशेदपुर से करीब 15 साहित्यकारों ने इस साहित्यिक महाकुंभ में भागीदारी निभाने का सौभाग्य प्राप्त किया है।
पद्मा प्रसाद विन्देश्वर, डाॅ आशा गुप्ता श्रेया, प्रतिभा प्रसाद कुमकुम, डाॅ अनीता निधि ' आरती श्रीवास्तव 'विपुला ' , माधुरी मिश्र, रीना सिन्हा, निवेदिता श्रीवास्तव गार्गी, रीना गुप्ता श्रुति, सुनीता बेदी, सविता सिंह मीरा, जय प्रकाश ओझा, ऊषा झा, स्मृति पांडेय चौबे , वीणा नंदिनी सहित जमशेदपुर से ये टीम वृंदावन के लिए प्रस्थान करेगी। कार्यक्रम के अंत में वीणा नंदिनी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।
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