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पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता पर गंभीर आरोप लगाते हुए झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को लिखा गया है पत्र , A letter has been written to the Chief Secretary of Jharkhand Government making serious allegations against the Executive Engineer of PHED.


चक्रधरपुर। पेयजल स्वच्छता प्रमंडल में पदस्थापित कार्यपालक अभियंता प्रभुदयाल मंडल पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते हुए एक व्यक्ति द्वारा झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। उक्त पत्र चाईबासा शहर के बड़ी बाजार निवासी राकेश सिंह ने लिखा है। उन्होंने पत्र की प्रतिलिपि विभाग के मुख्य अभियंता रांची को भी दिया है। पत्र में उन्होंने कहा है कि वर्तमान में देखा जा रहा है कि इस राज्य में भ्रष्टाचारियों की कमी नहीं है। विरेंद्र राम तो अपवाद साबित होगें, ऐसे कई बागड़ बिल्ले इस राज्य में है।

उसी की एक कड़ी में चक्रधरपुर पेयजल स्वच्छता प्रमंडल में पदस्थापित कार्यपालक अभियंता प्रभुदयाल मंडल भी है। यदि इनकी सम्पति की जांच होती है, तो ये भी विरेंद्र राम से कम नहीं होंगे। उन्होंने कहा है कि पत्र लिखने का तात्पर्य यह है कि इनका पदस्थापन चक्रधरपुर में 05.02.2019 को हुआ, लगभग चार वर्ष से अधिक हो चुके हैं। परंतु इनका स्थानांतरण अब तक कहीं अयंत्र नहीं हो पाया, ऐसा क्यों? सामान्यतः ऐसा देखा गया है। कि कोई भी पदाधिकारी एक स्थान पर दो से तीन वर्ष ही रहते हैं, परंतु इनका तो चार वर्ष से भी अधिक हो चुका है।

इनके चक्रधरपुर पदस्थापन पश्चात चक्रधरपुर प्रमंडल में पेयजल स्वच्छता में देखा जाए तो किसी भी प्रकार की प्रगति नहीं देखी जा रही है। इनके आने से पूर्व ही कई जलापूर्ति योजना में कार्य प्रारंभ हो चुका था और उस योजना को वर्ष 2020 से 2021 तक में पूर्ण हो जाना चाहिए था, परंतु अब तक वे योजनाएं पूर्ण नहीं हुई। जैसे मनोहरपुर, नकरंदा, लायलोर, सोनुवा, केरा, आनंदपुर ऐसे कई जलापूर्ति योजना अब-तक पूर्ण नहीं हुए हैं। 

ये सभी योजनाएं संवेदक और कार्यपालक अभियंता के लिए कामधेनु गाय साबित हो रही है। इन सभी योजनाओं की समीक्षा होनी चाहिए। ऐसे पदाधिकारी कार्य तो कुछ करते नहीं है, केवल योजनाओं की रिभाईजिंग कर प्राक्कलन को दवा कर कमीशन खोरी करते रहते हैं। साथ ही यह भी कहते है, कि मैं तो हर माह राज्य के सचिव से लेकर मंत्री तक को पैसा पहुंचाता रहता हूं, हमारा क्या बिगड़ जाएगा। 

उन्होंने कहा है कि पत्र लिखने का कारण यह है, कि क्या राज्य में ऐसे पदाधिकारियों पर कोई अंकुश नहीं लगाई जा सकती है। जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक हर घर नल जल योजना से जोड़ना है, लेकिन आनंदपुर, गुदड़ी, गोईलकेरा, बंदगांव के कई गांव में ग्रामीण चुंआ के पानी से प्यास बुझाते हैं। वह भी मीलों चलकर क्या यही विकास है? उन्होंने चक्रधरपुर में पदस्थापित कार्यपालक अभियंता प्रभुदयाल मंडल के कार्यकाल के कार्य की समीक्षा करने का मांग किया है। इस संबंध में जब कार्यपालक पदाधिकारी को फोन लगाया गया तो उनका फोन नहीं लग पाया।

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