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बिष्टुपुर राजस्थान भवन में धूमधाम से मना कालका माता का जन्मोत्सव, Kalka Mata's birth anniversary celebrated with pomp at Bishtupur Rajasthan Bhawan,


जमशेदपुर। बिष्टुपुर स्थित राजस्थान भवन में श्री महाकाली शक्तिपीठ अमरसर धाम वाली कुलदेवी श्री कालका मातारानी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। श्री कालका माता परिवार टाटानगर द्धारा पांचवी बार आयोजित हुए इस धार्मिक महोत्सव में श्री गणेश वंदना के साथ भजनों का कार्यक्रम शुरू हुआ जो देर रात तक चलते रहा।


इससे पहले संध्या 4.30 बजे से कालका माता की पूजा अर्चना शुरू हुई। सुमन-गांविंद नागेलिया ने पूजा की और बलराम पंडित ने पूजा करायी तथा सबको रक्षा सूत्र बांधा। महोत्सव में सभी महिलाएं चुंनड़ी ओढ़े व राजस्थानी परिधान में थीं। स्थानीय भजन गायिका प्रीती शर्मा ने भजनों और मंगल पाठ से माता रानी को रिझाया। माता के चरणों में मंगलपाठ का वाचन के साथ ही भजनों की प्रस्तुति के दौरान माता परिवार के बच्चों द्वारा पारंपरिक वेशभूषा में भजनों पर नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गयी, जिसने सबका मन मोहा।


भजनों की अमृत वर्षा में श्रद्धालु लगाए गोता , झूमने पर हुए मजबूर : इस धार्मिक मौके पर भजन गायिका प्रीती शर्मा द्वारा एक हार बना माली माता रानी को पहनाना है…,  जा के सर पे हाथ अपनी कुल देवी का होवे…., जो जय माता की गाता है जीवन में बड़ा सुख पाता है…, कर लो मंगल पाठ ये तो जीने का सहारा हैं….., कितनी सुदर कितनी भोली बड़ी प्यारी लगे…,  मेरी मईया जी  के हाँथ में मेहंदी रंग लाई…, ओढ़ी ओढ़ी रे मईया जी ने लाल चुनड़ी…., माता रानी का दरबार सजा प्यारा प्यारा…, भर दे झोली अमरसर वाली लौट के मैं नहीं जाउंगा खाली….., मेरा काम हुआ मईया के दरबार में…..  आदि माता के चरणों में भजनों की अमृत वर्षा कर भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया।  


ये रहा मुख्य आकर्षण का केन्द्र : परिवार की महिलाओं द्धारा सजाया गया कालका माता का भव्य दरबार, माता का जन्म, फूलों की होली, केक कटिंग, अखंड ज्योत, नृत्य नाटिका, छप्पन भोग का प्रसाद समेत 51 जोड़ो द्धारा मां की महाआरती तथा विशाल भंडारा विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। 56 भोग का महाप्रसाद परिवार की महिलाओं द्धारा अपने-अपने घरो में अपने हाथों से बनाया गया व्यंजन ही माता को भोग के रूप में अर्पित किया गया। सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने माता का प्रसाद ग्रहण किया। इस धार्मिक महोत्सव को सफल बनाने में कालका माता परिवार टाटानगर के कुंज बिहारी नागेलिया , पवन नरेडी समेत सभी अन्य सदस्यों का सार्थक योगदान रहा।

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