Default Image

Months format

Show More Text

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

Terhubung

NewsLite - Magazine & News Blogger Template
NewsLite - Magazine & News Blogger Template

नगर के वरिष्ठ महिला साहित्यकारों की संस्था *फुरसत में* मानवाधिकार दिवस पर काव्यात्मक प्रस्तुति दी, The organization of senior women litterateurs of the city gave a poetic presentation *at leisure* on Human Rights Day,



जमशेदपुर। नगर के वरिष्ठ महिला साहित्यकारों की संस्था *फुरसत में* मानवाधिकार दिवस पर काव्यात्मक प्रस्तुति दी गई। अध्यक्षता संस्था की अध्यक्ष आनंद बाला शर्मा ने तथा मंच संचालन कवयित्री पद्मा मिश्रा ने किया। अपनी रचना से कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए पद्मा मिश्रा ने कहा।

शूलों के पथ पर अब फूलों को खिलने दो, स्नेह भरे गीतों में भावना संवरने दो !!! जीवित हो मानवता दानवता मिट जाये, नफरत की दुनिया में कोमलता पलने दो !!.......

जहां अधिकार है वहां कर्त्तव्य भी हैं, अपने अधिकारों की मांग से पहले कर्त्तव्यो का‌निर्वाह करिये, ,आपके अधिकार स्वत: मिल जायेंगे,,मानव अधिकारों के लिए लड़ने वाले ईमानदारी के साथ खुद समर्पित हों और समाज के लिए अनुकरणीय बनें,केवल विरोध के लिए या दिवस उत्सव के लिए न मनाये।

अध्यक्ष वक्तव्य में श्रीमती


आनंद बाला शर्मा ने कहा : *रिश्ते जो जन्मे------खून से,दर्द से. रिश्त  जो पनपे साथ रहने से, समरस जीवन जीने से, सहारा देने से, सहारा बनने से, टूट जाएँ सभी रिश्ते ----- न टूटे रिश्ता मानवता का।


 वरिष्ठ कवयित्री किरण सिन्हा की प्रसूति थी.-  अधिकार और कर्तव्य" चलो आज मिलकर आवाज उठाएं. हर शख्स को उसका अधिकार दिलाएं, देर हो गई तो क्या है, अब जाग गए तो देर न हो, चलो अपना कर्त्तव्य निभाएं।

 

वरिष्ठ भावप्रवण कवयित्री छाया प्रसाद ने अपनी रचना प्रस्तुत की- और कर्तव्य और अधिकार है, एक सिक्के के दो पहलू, जहां अधिकार है मेरा, वहीं कर्तव्य भी तो है, जो कर्तव्य है मेरा है, वही अधिकार होता है।

कार्यक्रम में सदस्यों डा सरित किशोरी श्रीवास्तव. रेणुबाला मिश्र .उमा सिंह. सरिता सिंह. अनीता निधि.आरती श्रीवास्तव. सुस्मिता आदि की उपस्थिति संतोषप्रद रही।

No comments:

Post a Comment

GET THE FASTEST NEWS AROUND YOU

-ADVERTISEMENT-

NewsLite - Magazine & News Blogger Template