वक्ताओं ने नशाबंदी और उच्च शिक्षित समाज बनाने पर दिया जोर
चांडिल। अनुमंडल क्षेत्र के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत नारगाटांड़ जयपाल सिंह मुंडा खेल मैदान में बुधवार को मारांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की 121वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर झारखंड आंदोलन के पुरोधा, महान हॉकी खिलाड़ी और प्रखर राजनीतिज्ञ मारांग गोमके को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। अखिल भारतीय आदिवासी भूमिज मुंडा कल्याण समिति नीमडीह इकाई की ओर से आयोजित जयंती समारोह में सुबह उनकी प्रतिमा के समक्ष आदिवासी परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना किया गया।
इसके बाद अतिथियों ने बारी-बारी से प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। श्रद्धांजलि सभा के बाद परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने समाज में नशाबंदी और भावी पीढ़ी के लिए उच्च शिक्षित समाज निर्माण पर जोर दिया।
जयपाल सिंह मुंडा सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत : जयंती समारोह को संबोधित करते हुए झामुमो के वरिष्ठ नेता सुखराम हेंब्रम ने कहा कि मारांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा भारतीयों, आदिवासियों और झारखंड आंदोलन के एक सर्वोच्च नेता और जाने-माने राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, संपादक, शिक्षाविद और 1925 में आक्सफोर्ड ब्लू का खिताब पाने वाले एक मात्र अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी थे। संयुक्त आदिवासी सामाजिक संगठन के प्रवक्ता सुधीर किस्कू ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा सभी के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। उनके आदर्शो पर हमें चलने की आवश्यकता है। मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता कपूर बागी ने कहा कि महान नेता, स्वप्नद्रष्टा आदिवासी लेखक, खिलाड़ी, कुशल संगठक, वैचारिक सिद्धांतकार के रूप में मारांग गोमके का योगदान हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत है। समाजसेवी कुसुम कमल सिंह ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर अमिट छाप छोड़ी और संपूर्ण आदिवासियों का नेतृत्व किया।
जागरूक होकर काम करने की जरूरत : जयंती समारोह के संबोधित करते हुए मानिक सिंह सरदार ने कहा कि मारांग गोमके के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए क्षेत्र के लोगों को अपने हक व अधिकार के प्रति जागरूक होकर गांव व समाज के विकास के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर आयोजित मुंडारी नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। इसके पूर्व मंगलवार को मारांग गोमके की स्मृति में सिद्धू कान्हु युवा खेल क्लब के अध्यक्ष दिगंबर सिंह सरदार के संचालन में फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जयंती समारोह की अध्यक्षता जयराम सिंह सरदार ने किया, जबकि संचालन निरंजन सिंह ने किया। इस अवसर पर सुधीर किस्कू, कुसुम कमल सिंह, जयदेव सिंत पातर, दुलाल सिंह, असित पातर, विश्वनाथ सिंह, दिगंबर सिंह, श्यामल सिंह, हरेकृष्ण सिंह, अरूण सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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