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डायन के नाम पर महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के प्रति लोगों को किया जागरूक, Made people aware about the atrocities being committed on women in the name of witches*


युवा ने मनाया सामाजिक न्याय दिवस 

जमशेदपुर। सामाजिक संस्था यूथ यूनिटी फॉर वॉलंटरी एक्शन( युवा) के तत्वावधान में पोटका प्रखंड के गंगाडीह पंचायत भवन के सामने में विश्व  सामाजिक न्याय दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम का संचालन गर्ल्स फर्स्ट फंड परियोजना की प्रोजेक्ट कॉ ऑर्डिनेटर ज्योति हेंब्रम ने किया। इस कार्यक्रम में वकील प्रीति मुर्मू, गंगाडीह मुखिया कार्तिक मुर्मू, उपमुखिया कुसनु मुर्मू , पंचायत समिति उर्मिला सरदार, तेंतला की वार्ड सदस्य अबंती सरदार, वार्ड सदस्य सुभाष सरदार और किशोरी लीडर निरोल सरदार उपस्थित हुए ।कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए ज्योति हेंब्रम ने विश्व सामाजिक न्याय दिवस क्यों मनाते है। 


उसके बारे में बताते हुए कहा कि हर साल विश्वभर में 20 फरवरी को सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना और गरीबी, बहिष्कार,शारीरिक भेदभाव, अशिक्षा, लैंगिक असमानता, बेरोजगारी, मानवाधिकार  का हनन और सामाजिक असुरक्षा जैसे मुद्दों को खत्म करने के लिए विभिन्न समुदायों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ लाना और लोगों को सामाजिक न्याय के सिध्दांतों के बारे में जागरूक करना है ताकि सामाजिक रूप से एकीकृत समाज बनाया जा सके।


आज सामाजिक न्याय के लिए डायन प्रथा का मुद्दा लिया गया है,जिसमे रिसोर्स पर्सन प्रीति मुर्मू ने कहा कि  डायन के नाम पर महिलाओं के साथ तरह तरह के अत्याचार होते हैं  । महिलाओं के साथ मारपीट की जाती है ।मलमूत्र पिलाया जाता है।निर्वस्त्र कर उसके साथ दुराचार किया जाता है ।सामाजिक तौर पर उसे बहिष्कृत किया जाता है । पीड़िता अगर विधवा या निसंतान हैं, तो उसे डायन बोल कर संबोधित करते है। अशिक्षा के कारण अंध विश्वास में लोग ओझा गुणी के पास झाड़ फुंक के लिए जाते हैं, और वे ओझा गुणी गांव के किसी विधवा महिला या निसंतान दंपति का नाम बताते है कि उन लोगों ने जादू टोना किया हैं ।गुस्से में लोग उसे महिला या निसंतान दंपति को प्रताड़ित करते है। यहां तक कि उनकी हत्या कर दी जाती हैं। 


इसमें दोषी बनाने वाले पुरुष होते हैं और महिलाओं को इसमें शामिल  करते है जो आसानी से लोग विश्वास करने लगते है। कभी भी एक पुरुष को डायन बोल कर नहीं बोलते है, हमेशा महिलाओं को ही डायन बोलते है। गंगाडीह के मुखिया कार्तिक मुर्मू ने कहां कि विश्व सामाजिक न्याय दिवस के अवसर पर डायन प्रथा को लेकर जागरूक करने की जरूरत और अशिक्षा को दूर करना है जिसे अच्छे समाज का निर्माण हो सके। समाज में जागरूक करने के लिए पथ के कलाकार नुक्कड़ नाटक के माध्यम से डायन प्रथा को लेकर जागरूक किए।अंजना देवगम ने सभी को धन्यवाद दे कर आज का कार्यक्रम को समाप्त किया गया।

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