माताजी आश्रम की ओर से जुड़ी गांव में 14 वां अपुर पाठशाला खोला गया
हाता। पोटका के जुड़ी गांव में माताजी आश्रम हाता की ओर से बंगला शिखाने का स्कूल 14 वां अपुर पाठशाला खोला गया। पूर्व विधायक श्रीमती मेनका सरदार ने मा सरस्वती की प्रतिकृति पर धूप और दीप प्रज्वलित कर के विद्यालय का सुभारम्भ किया।सुनील कुमार दे ने सरस्वती बन्दना के बाद कहा,,, प्रख्यात बंगला कथाकार बिभूतिभूषण बंधोपाध्याय द्वारा लिखित पथेर पांचाली में निहित एक चरित्र अपु है। उसी की याद में बंगला सिखाने स्कूल का नाम अपुर पाठशाला रखा गया है जो सर्व प्रथम घाटशिला में स्थित गौरी कुंज में खोला गया था।
माताजी आश्रम की ओर से अपुर पाठशाला खोलने का व्यापक अभियान चलाया जा रहा है जिसमें काफी लोकप्रिय हो रहा है।शिक्षाविद शंकर चंद्र गोप ने बच्चे को आशीर्वाद देते हुए अपनी मातृभाषा बंगला सिखने का आह्वान किया।मृणाल पाल ने भी बंगला भाषा को सरल और मधुर भाषा कहा और बंगभाषियो को अपनी भाषा को बचाने के लिए आगे आने का अनुरोध किया। श्रीमती मेनका सरदार ने कहा,,माताजी आश्रम बंगला भाषा को बचाने के लिए अच्छा पहल कर रहा है इसके लिए आश्रम धन्यवाद का पात्र हैं, लेकिन झारखंड सरकार को सरकारी स्तर से भी विद्यालयों में बंगला की पढ़ाई फिर से शुरू करना चाहिए, क्योंकि झारखंड बंगला भाषाभाषी बहुल क्षेत्र है और झारखंड बनने के पूर्व सभी स्तर से बंगला भाषा की पढ़ाई होती थी।
माताजी आश्रम की ओर से सभी बच्चे को वर्ण परिचय पुस्तक दिया गया। शंकर चंद्र गोप ने पहला बंगला क्लास लिया।प्रति रविवार की छवि सरदार ने अपने वास् भवन में निःशुल्क बंगला सिखायेगी।अंत में धन्यवाद ज्ञापन नरसिंह गोप ने किया। इस अवसर पर गौरी चटर्जी,बलराम गोप,भीम भट्टाचार्य, पुतुल साहू, स्वम्पा स्वर्णकार, सुनीता चटर्जी, मोकू भट्टाचार्य के अलावे गांव के बच्चे उपस्थित थे।
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