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21 अप्रैल को चक्रधरपुर आदिवासी मित्र मंडल पोटका में बा: पोरोब सरहुल मानने का निर्णय, Decision to observe Ba: Porob Sarhul in Chakradharpur Adivasi Mitra Mandal Potka on 21st April


चक्रधरपुर। शहर के आदिवासी मित्र मंडल पोटका में आदिवासी मुंडा समाज का बैठक आयोजित किया गया। बैठक में हर साल की भांति इस बार भी आदिवासी मुंडा समाज द्वारा 21 अप्रैल 2024 को  चक्रधरपुर आदिवासी मित्र मंडल पोटका  में बा: पोरोब ( सरहुल ) मानने का निर्णय लिया गया। इससे पहले बैठक में मरंग गोमके  जयपाल सिंह मुंडा का पुण्यतिथि  मनाया गया एवं माल्यार्पण कर  बैठक का शुभारंभ किया। बैठक में मुख्य रूप से  मुंडा समाज के  अध्यक्ष  श्याम सिंह मुंडा, मुंडा समाज अगुवा अर्जून मुंडा, मुनीराम संडील, नटवर मुंडा, नीलमोहन मुंडा, सुखलाल लागुरीसुकन राम मुंडा,  कृष्ण संडील, सुनील लागुरी, चंद्रशेखर मुंडा, विशाल मंडा,शिव सामाड,  त्रिशूल मुंडा, बाबालु संडील , गोविंद मुंडा , प्रकाश संडील, अजीत मुंडा, निशांत मुंडा आदिवासी हो समाज के आदिवासी मित्र मंडल के  अध्यक्ष  सत्यजीत हेंब्रम , सचिव रविंद्र गिलुवा उपस्थित थे‌।




बा: पोरोब हो आदिवासियों का दूसरा बड़ा महत्वपूर्ण त्योहार : हो समुदाय के लोग हमेशा से ही प्रकृति के अनुरूप रहे हैं, चाहे उनका गतिविधि देखें या स्वभाव पूरी तरह से प्रकृति से ही जुड़ा हुआ है। हो समुदाय के मान्यता के अनुसार कोई भी चीज़ यदि नई हो तो उसके स्वागत के लिए पूजा अर्चना जरुर करना चाहिए अन्यथा अनहोनी होती है। ऐसा ही त्योहार है बा: पोरोब। बा: पोरोब हो आदिवासियों का दूसरा बड़ा महत्वपूर्ण त्योहार है। बा: का अर्थ फूल है अर्थात फुलों का त्योहार। बा: पोरोब प्रकृति को सम्मान देने के लिए ही मनाया जाता है, या कहें तो प्रकृति के स्वागत में ही बा: पोरोब मनाया जाता है। पतझड़ में पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और बसंत के आगमन के साथ ही पेडों में नए-नए पत्ते तथा फूल आ जाते हैं, ऐसा लगता है जैसे प्राकृति ने नया जन्म लिया हो।



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