जगन्नाथपुर। जगन्नाथपुर प्रखंड के जिंतुगढ़ा गाँव में सोमवार को ग्रामीण मुंडा सोमनाथ सिंकु की अध्यक्षता में ग्रामसभा का आयोजन किया गया। जिसमें गाँव की विकास से सबंधित चर्चा की गयी। पर्व 18 मार्च से होगा प्रारम्भ मुख्य आयोजन 21,22,23 मार्च को। उक्त जानकारी मुंडा सोमनाथ सिंकु ने दी। उन्होंने प्रेस विज्ञाप्ति में बताया कि मागे पर्व के विभिन्न आयोजनों की तिथि सुनिश्चित किया गया।
इसके तहत 18 मार्च को ओते इलि, 19 मार्च को गुरी पोरोब, 21 मार्च को मागे पोरोब 22 मार्च व 23 मार्च को बासी पर्व का आयोजन होगा। जिंतुगढ़ा में आयोजित होने वाला मागे पोरोब सबसे ऐतिहासिक व भव्य होता है। इस पर्व का सबको इंतजार रहता है। उल्लेखनीय है कि मागे पर्व अथवा पोरोब झारखण्ड के हो आदिवासी समुदाय का एक पारंपरिक पर्व है। यह त्योहार माघ महीने की शुरुआत यानी जनवरी-फरवरी में मनाया जाता है।
जो आदि धर्म व संस्कृति एंव मानव उत्पत्ति यानी सृष्टि रचना पर्व है। त्योहार के उत्सव के लिए कोई निश्चित तिथि निर्धारित नहीं की जाती है, क्योंकि विभिन्न गाँव अलग-अलग तिथियों पर त्योहार मनाते हैं। मागे शब्द का अर्थ माता होता है। इस त्योहार को मुख्यतः आठ दिनों मे सम्पन्न किया जाता हैं। अर्थात पहले दिन अनादेर पर्व, दूसरे दिन लोयो-गुरि, तीसरे दिन ओते इलि, चौथे दिन गौ महरा, पांचवे दिन हेःसकम छठे दिन मरंग पोरोब, सातवें दिन बासि (जतरा) और आठवें दिन हर मागे का आयोजन होता है, लेकिन अलग-अलग गांवों में इसके दिनों की संख्या को व्यस्तता या अन्य वजहों से कम कर दिया जाता है।
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