चक्रधरपुर। चक्रधरपुर के केदों देवगांव गांव में आदिवासी संथाल समाज की ओर से बाहा पर्व धूमधाम से मनाया गया। सर्वप्रथम गांव के सभी लोग सुबह पजारी नायके सोमरा मांझी के घर जमा हुए। पुजारी एवं ग्रामीण मांदर की थाप पर नाचते हुए जाहेर थान पहुंचे। वहां सखुआ के पेड़ के नीचे पुजारी ने मरांग बुरु जाहेर थान की विधिवत पूजा-अर्चना की। साथ ही गांव समाज की सुख शांति के लिए प्रार्थना की।
इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आदिवासी पुरुषों के मांदर की थाप पर महिलाओं व युवतियों ने जमकर पारंपरिक नृत्य किया। महिलाओं ने हाथ जोड़कर कदम से कदम मिलाते हुए पारंपरिक गीतों पर खूब नृत्य कर समां बांध दिया। नृत्य संगीत का कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा। पूजारी ने पूजा के बाद सखुआ का फूल प्रसाद के रूप में सभी को दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई ने कहा कि बाहा पर्व संथाल आदिवासियों का सोहराय पर्व के बाद दूसरा बड़ा पर्व है।
संथाल लोग इस पर्व को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। यह पर्व पतझड़ के बाद पेड़ों में नई पत्तियों व फूल के आने की खुशी में मनाया जाता है। उन्होंने कहा मान्यता है कि हिदी नववर्ष के स्वागत के लिए प्रकृति भी पूरी पृथ्वी को सजाती है। आदिवासी समाज भी प्रकृति के साथ इस खुशी में शामिल होता है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि का राधोई नृत्य मंडली ने स्वागत किया। कार्यक्रम में माझी प्रीतम मुर्मु, कुडम नायके मनोज मुर्मु, पारनीक कार्तिक मुर्मु, विश्वास मांझी, धासको मुर्मु, सुशील मुर्मु, लोसो मुर्मु, शंकर मुर्मु, शौहर मुर्मु महंती हासदा, मोहन हांसदा, सोनाराम मुर्मु समेत काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
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