जमशेदपुर। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रायोजित एवं राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जमशेदपुर में शिक्षण में नई दिशा विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला मूलतः शिक्षकों के लिए शिक्षण कार्य में उत्कृष्टता लाने वाली नई पद्धतियों पर आधारित थी। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के समन्वयक प्रोफेसर सतीश कुमार ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया और इसमें आसपास के इंजीनियरिंग संस्थानों से 46 से अधिक संकायों ने भाग लिया।
इस कार्यशाला का एक प्रमुख पहलू यह है कि औद्योगीकरण के वर्तमान युग में हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलावों को कैसे शामिल कर सकते हैं। कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जमशेदपुर के निदेशक प्रो गौतम सूत्रधार ने किया. उन्होंने अनुसंधान के महत्व पर प्रकाश डाला जिसे उद्योग में लागू किया जा सकता है। उन्होंने प्रतिभागियों को अपनी परियोजनाओं को औद्योगिक क्षमता के साथ अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। कर्टिन यूनिवर्सिटी मलेशिया के प्रोफेसर प्रोफेसर एगस सप्तोरो ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नई पीढ़ी की तकनीक सीखने के लिए शोध छात्र गतिशीलता बहुत अच्छी भूमिका निभाती है।
डॉ. जोनो सुहार्तोनो, इंस्टीट्यूट टेक्नोलोजी नैशनल (इटेनास) बांडुंग, इंडोनेशिया ने अपने औद्योगिक अनुभव के साथ शिक्षण कार्य में अपने प्रयोगात्मक पहलुओं पर चर्चा की। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर दीपक गर्ग, कुलपति, एस.आर. विश्वविद्यालय ने शिक्षण कार्य में उपलब्ध नई तकनीकों पर प्रकाश डाला तथा उसके संतुलित उपयोग पर चर्चा की।
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