चक्रधरपुर। पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव प्रखंड के लांडूपोदा पंचायत के राजापारम गांव में सोमवार को आदिवासी हो समाज की ओर से बा पर्व धूमधाम से मनाया गया। जिसमे मुख्य अतिथि समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई थे। सर्वप्रथम गांव के सभी लोग सुबह पुजारी के घर जमा हुए। पुजारी को ग्रामीण मांदर की थाप पर नाचते हुए जाहेर थान लाए। वहां सखुआ के पेड़ के नीचे पुजारी ने मरांग बुरु जाहेर थान की विधिवत पूजा-अर्चना की।
साथ ही गांव समाज की सुख शांति के लिए प्रार्थना की। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आदिवासी पुरुषों के मांदर की थाप पर महिलाओं व युवतियों ने जमकर पारंपरिक नृत्य किया। महिलाओं ने हाथ जोड़कर कदम से कदम मिलाते हुए पारंपरिक गीतों पर खूब नृत्य कर समां बांध दिया। नृत्य संगीत का कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा। पुजारी ने पूजा के बाद सखुआ का फूल प्रसाद के रूप में सभी को दिया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पीपुल्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव डॉ विजय सिंह गागराई ने कहा कि बा पर्व हो आदिवासियों का मागे पर्व के बाद दूसरा बड़ा पर्व है।
हो लोग इस पर्व को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। यह पर्व पतझड़ के बाद पेड़ों में नई पत्तियों व फूल के आने की खुशी में मनाया जाता है। उन्होंने कहा मान्यता है कि हिदी नववर्ष के स्वागत के लिए प्रकृति भी पूरी पृथ्वी को सजाती है। आदिवासी समाज भी प्रकृति के साथ इस खुशी में शामिल होता है। कार्यक्रम में मुखिया कुश पूर्ति, भाजपा नेता तिरथ जामुदा, याकूब पूर्ति, मारकुश पूर्ति, अलबर्ट पूर्ति, नोवाम पूर्ति, सुशील पूर्ति, कामेश्वर पूर्ति, प्रकाश पूर्ति, दामू पूर्ति, आशा पूर्ति, सुशीला पूर्ति, सविता पूर्ति, सवीना पूर्ति समेत काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment