माना जा रहा है कि अगर पार्टी किसी बाहरी को उम्मीदवार बनाती है तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि, पार्टी के पदाधिकारी पहले ही इस बात से नाराज़गी जता चुके हैं कि किसी बाहरी को टिकट न दिया जाए। पार्टी पदाधिकारियों का मानना है कि उम्मीदवार पार्टी के भीतर का ही होना चाहिए। भाजपा के एक दिग्गज नेता को झामुमो में ला कर उन्हें टिकट देने की कवायद चल रही थी, लेकिन, जिले के विधायकों और संगठन के लोगों ने इसका पुरजोर विरोध कर दिया और मामला खटाई में पड़ गया।
हालांकि, ये दिग्गज नेता लगातार हाथ पैर मार रहे हैं कि उन्हें पार्टी का टिकट मिल जाए। सूत्रों की मानें तो इन्हीं सब कारणों के चलते जमशेदपुर संसदीय सीट पर अभी तक उम्मीदवारी का ऐलान नहीं हो पाया है। वैसे संगठन में कई लोगों की उम्मीदवारी पर चर्चा चल रही है। इसमें झामुमो के एक दमदार, कदावार, संघर्ष शील एवं आंदोलनकारी नेता डॉक्टर शुभेन्दु महतो का नाम प्रबल दावेदार के रूप में सामने आ रहा है। माना जा रहा है कि श्री महतो उम्मीदवारी में अन्य दावेदारों पर भारी पड़ सकते हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि शुभेन्दु महतो की पार्टी के कार्यकर्ताओं तक पहुंच उनके राजनीतिक कद को ऊंचा बनाती है। महीनाभर पहले लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करने को दिल्ली में कांग्रेस और झामुमो की संयुक्त बैठक हुई थी।
कहा जा रहा है कि इस बैठक में तय हुआ था की लोकसभा चुनाव में अगर सीटें निकालनी है तो जमशेदपुर से कोई महतो उम्मीदवार ही विद्युत महतो को हरा सकता है और इस सीट के लिए डॉक्टर शुभेन्दु महतो चुनाव जीत सकते हैं। इसी को ध्यान में रखकर चुनावी गहन मंथन के बाद सिंहभूम लोकसभा सीट से जोबा मांझी को मैदान में उतारा गया है। वह भाजपा की गीता कोड़ा का मुकाबला करेंगी। इसी तरह झामुमो पार्टी जमशेदपुर संसदीय सीट पर भी किसी दमदार एवं पार्टी के स्वच्छ छवि वाले समर्पित नेता को लड़ाना चाहती है। पार्टी सूत्रों की माने तो जमशेदपुर संसदीय सीट से कोई नया चेहरा भी अचानक सामने आ सकता है जिसके बारे में अभी तक कहीं कोई चर्चा नहीं हुई हो।
महतो फैक्टर का है दबाव : झामुमो महतो फैक्टर को लेकर भी दबाव में है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को मालूम है कि जमशेदपुर संसदीय सीट पर महतो वोट अकेले परिणाम बदलने की कूवत रखते हैं। इसीलिए, पार्टी लोहे से लोहा काटना चाहती है। यही वजह है कि अभी तक टिकट के दावेदारों के जो नाम आए हैं। उनमें ज्यादातर महतो बिरादरी के हैं, लेकिन सभी में अब तक जमशेदपुर सीट के लिए हर तरह से डॉ. शुभेन्द्र महतो ही फिट बैठ रहे हैं।
20 अप्रैल तक हो सकती है प्रत्यासी के नाम की घोषणा : डॉ. शुभेन्द्र महतो झामुमो के पुराने एवं आंदोलनकारी नेता रहे हैं और निर्मल दा व गुरु जी के सानिध्य मे रहकर झारखंड अलग राज्य की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभायें हैं। इन्होंने छात्र जीवन से ही झामुमों पार्टी से जुड़े रहे हैं और अभी वर्तमान में सरायकेला जिला के अध्यक्ष और 20सूत्री के उपाध्यक्ष भी हैं। इधर भाजपा खेमे में देखा जाय तो विद्युत महतो से उनके समाज के ही महतो समुदाय के लोग खासे नाराज चल रहे हैं, क्योंकि 10 साल तक सांसद रहकर विद्युत महतो विकास का कोई काम नहीं किया, सिर्फ घोषणा ही करते रहे। डॉ शुभेन्द्र महतो के नाम की चर्चा होने से जहाँ महतो समुदाय में खुशी की लहर है वहीं बंगाली, बिहारी, उड़िया, मारबाड़ी समाज के लोगों में भी डॉक्टर शुभेन्दु की अच्छी पहचान है।
साथ ही जबतक हेमंत सोरेन जेल से बाहर नही आते हैं तबतक वे जूता चप्पल नही पहनने का संकल्प लिया है। वहीं डॉक्टर महतो ने भी कहा है कि पार्टी हमें जो भी जिम्मेदारी देगी उसका निर्वहन मै ईमानदारी पूर्वक निभाता रहूंगा। जमशेदपुर लोक सभा क्षेत्र से हर समुदाय के लोग विद्युत महतो के विकल्प के रूप में डॉक्टर शुभेन्दु को ही इंडिया गठबंधन से टिकट मिलने की क्यास लगा रहे हैं। अब देखना है कि झामुमो पार्टी किसे अपना उम्मीदवार बनाती है ,जो भाजपा के किला को भेद सके. वैसे विश्वस्त सूत्रों के अनुसार 20 अप्रैल तक हर हाल में प्रत्यासी की घोषणा कर देने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
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