रांची। लैंड स्कैम के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची PMLA (प्रीवेन्शन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की विशेष कोर्ट ने अंतरिम बेल देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद अब हेमंत सोरेन अपने चाचा की अंत्येष्टि में शामिल नहीं हो पाएंगे। दरअसल शनिवार को उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल कर यह आग्रह किया था कि उन्हें अपने चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी जाए। इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट से 13 दिनों की अंतरिम बेल भी मांगी थी। जिसपर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। बता दें कि शनिवार की सुबह झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन (गुरु जी) के बड़े भाई राजा राम सोरेन नहीं रहे। उम्र के आखिरी पड़ाव में बीमारी से लड़ते हुए आज उनकी मृत्यु हो गयी। राजाराम सोरेन रांची में ही रहते थे।
वहीं लैंड स्कैम के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करने के आरोपी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हो गई है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, 29 अप्रैल को शीर्ष अदालत उनके मामले में सुनवाई कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की कोर्ट में यह मामला सूचीबद्ध हुआ है।
दरअसल हेमंत सोरेन ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से शीर्ष अदालत में क्रिमिनल एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) दाखिल की है। अपनी याचिका में उन्होंने अदालत से यह गुहार लगाई है कि उनकी ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने 28 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसला सुरक्षित रखने के बाद करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी हाईकोर्ट ने अब तक अपना फैसला नहीं सुनाया है।
जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है। जिसपर 1 मई को सुनवाई होनी है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बड़गाईं अंचल के हल्का कर्मचारी भानु प्रताप फिलहाल बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। बता दें कि हेमंत सोरेन को इस्तीफा देने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं इसी केस में अफसर अली, अंतू तिर्की, प्रियरंजन सहाय, विपिन सिंह और इरशाद की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।
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