गुवा। पश्चिम सिंहभूम जिले के तमाम छोटे-बडे़ शहरों से लेकर सुदूरवर्ती गांवों में फैला अवैध व नकली शराब का कारोबार। असली शराब की बोतल में नकली शराब भरकर उसमें नकली ढ़क्कन, उत्पाद विभाग का स्टीकर व रैपर आदि लगाकर ग्राहकों को सरकारी दर से ऊंचे दामों पर बेचकर न सिर्फ शराब के शौकिनों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, बल्कि उनको आर्थिक नुकसान भी पहुंचाया जा रहा है। ऐसी संभावना जाताई जा रही है कि कभी भी अवैध व नकली शराब का सेवन कर दर्जनों लोग काल के गाल में न समा जायें।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार किरीबुरु, बड़ाजामदा, नोवामुण्डी, जगन्नाथपुर, जैतगढ़, हाटगम्हरिया आदि शहरों में अंग्रेजी शराब दुकानों के आसपास के क्षेत्रों में स्थित दो-तीन घरों में शराब की खाली बोतलों में अवैध शराब को भरकर उसपर नये स्टीकर लगाकर बेचा जा रहा है। सूत्रों अनुसार बाहर से अहले सुबह किरीबुरु शहर में दोपहिया वाहन से भी अवैध शराब की बोतलें लाकर विभिन्न अवैध शराब दुकानदारों के पास पहुंचाया जा रहा है। किरीबुरु समेत उक्त शहरों से वैद्य शराब की विभिन्न ब्रांडों की खाली बोतलों को उसकी ब्रांड व साईज अनुसार 10 रूपये से लेकर 30 रूपये तक की कीमत देकर शराब माफिया खरीद रहे हैं।
पिछले दिनों किरीबुरु के एसडीपीओ अजय केरकेट्टा के निर्देशानुसार बडा़जामदा पुलिस ने छापेमारी कर एक नाबालिक छात्र के पास से शराब की खाली बोतलें पकडी़ थी एवं विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की थी, लेकिन अन्य प्रमाण नहीं मिलने की वजह से उक्त नाबालिक को छोड़ दिया गया था। पुलिस ने यह अच्छा किया था, लेकिन आज भी यह कार्य जारी है और इसमें शामिल बडे़ माफियाओं को पकड़ने की जरुरत है। अंग्रेजी शराब की बोतल के अंदर अथवा ढक्कन पर चबाकर थूका हुआ गुटखा का अवशेष भी मिल रहा है।
जिससे इसकी गुणवता व स्वच्छता पर सवाल खड़ा हो रहा है। जानकारों का मानना है कि अगर हम नकली शराब के कारोबार को बंद नहीं कर सकते हैं तो कुछ जरूरी कदम उठाकर इसके अवैध कारोबार को कम अवश्य कर सकते हैं। इसके लिये करना यह होगा की अंग्रेजी शराब दुकानों से शराब खरीद उसका सेवन करने के बाद उस बोतल को नष्ट अथवा तोड़ दें. या फिर उस बोतल के अंदर उसके ढक्कन को मोड़कर डाल दें. ताकि उस बोतल का इस्तेमाल दुबारा नकली शराब भरने के रुप में नहीं हो पाये। इससे ज्यादा अच्छा होगा की शराब का सेवन ही कुछ वर्षों या हमेशा के लिये बंद कर दें जिससे आर्थिक, शारीरिक पारिवारिक, घरेलू हिंसा व सामाजिक नुकसान से बच सके। इससे शराब माफियाओं का कारोबार भी ठप होगा, जिससे यह धंधा स्वतः समाप्त हो जायेगा।
No comments:
Post a Comment