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जिला विधिक सेवा प्राधिकार चाईबासा के तत्वावधान में मासिक लोक अदालत का हुआ आयोजन, Monthly Lok Adalat was organized under the aegis of District Legal Services Authority Chaibasa,


लोक अदालत में  349 मामलों का हुआ निष्पादन, 1116300  का हुआ समायोजन

चक्रधरपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम के तत्वावधान में स्थानीय सिविल कोर्ट परिसर में मासिक लोक अदालत का आयोजन किया गया इस दौरान गठित 7  बैंचों ने मामलों की सुनवाई करते हुए कुल  349 मुद्दों का सफल निष्पादन किया तथा 1116300 /– की राशि का समायोजन भी हुआ, प्राधिकार के सचिव  राजीव कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देशानुसार प्रत्येक माह लोक अदालत का आयोजन किया जाता है जिसमें लोग अपने सुलहनीय मामलों के निष्पादन के लिए अपील कर सकते हैं।




उन्होंने आगे बताया कि आज के लोक अदालत में गठित 7 बेंचो में न्यायिक पदाधिकारियों  योगेश्वर मणि, प्रधान न्यायधीश कुटुंब न्यायालय, ओम प्रकाश, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम,  सूर्य भूषण ओझा , जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय, राजीव कुमार सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार,  मंजीत कुमार साहू, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी पोड़ाहाट,  ऋषि कुमार, रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी और सुप्रिया रानी तिग्गा रजिस्ट्रार शामिल थे।


रैफरल जजों और मध्यस्थो के मध्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित : झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम के तत्वधान में कोर्ट परिसर स्थित मीटिंग हॉल में न्यायिक पदाधिकारियों और मध्यस्थ अधिवक्ताओं के बीच आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया इसका मुख्य उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से मामलों के निष्पादन को सुलभ और सहज बनाना था।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम विश्वनाथ शुक्ला ने न्यायिक प्रक्रिया में मध्यस्थता की भूमिका की विशेषताओं का वर्णन किया तथा इसके और प्रभावी बनाने पर चर्चा की।  कार्यक्रम का संचालन करते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार राजीव कुमार सिंह ने बताया कि यह विवाद सुलझाने की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा मध्यस्थ (मीडिएटर) निष्प्रभावी एवं निर्विकार व्यक्ति के रूप में, विवाद ग्रस्त पक्षकारों को एक ऐसे समझौते के लिये तैयार करता है जिस पर पक्षकारों की सहमति होती है।




प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय योगेश्वर मणि ने न्यायिक प्रक्रिया में मध्यस्थता की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए इसे किसी भी मामले के सकारात्मक निष्पादन की एक महत्वपूर्ण कड़ी बताया। मौके पर उपस्थित अधिवक्ताओं ने भी अपने विचार रखें, बैठक में  सभी न्यायिक पदाधिकारीगण, बार के सचिव फा अगस्टिन कुल्लू और अधिवक्तागण शामिल थे। उपरोक्त जानकारी प्राधिकार के सचिव  राजीव कुमार सिंह ने दी।



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